VPN क्या है? फायदे, प्रकार और इसके काम करने का तरीका – VPN in Hindi

VPN क्या है? फायदे, प्रकार और इसके काम करने का तरीका – VPN in Hindi-feature image
5 मई 2025 1 Min पढ़ें

आज के डिजिटल युग में जब हमारी अधिकांश गतिविधियाँ ऑनलाइन होती हैं, तब इंटरनेट पर डेटा की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है। चाहे ऑनलाइन शॉपिंग हो, नेट बैंकिंग या ऑफिस का रिमोट वर्क – हर जगह साइबर सुरक्षा का जोखिम बना रहता है।

ऐसे में VPN (Virtual Private Network) एक बेहद उपयोगी टूल साबित होता है, जो आपकी गोपनीयता की रक्षा करता है और आपके इंटरनेट कनेक्शन को सुरक्षित बनाता है। यह लेख आपको बताएगा कि VPN क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसके क्या फायदे हैं और इसे क्यों इस्तेमाल करना चाहिए।

VPN क्या है? – VPN Kya Hota Hai

VPN को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क कहा जाता है, जोकि पब्लिक नेटवर्क का इस्तेमाल करते समय एक संरक्षित नेटवर्क कनेक्शन को स्थापित करता है। वीपीएन आपके इंटरनेट ट्रैफ़िक को एन्क्रिप्ट करता है और आपकी ऑनलाइन पहचान को छिपाता भी है। इससे थर्ड पार्टी के लिए आपकी गतिविधियों को ऑनलाइन ट्रैक करना और डेटा चुराना ज्यादा कठिन हो जाता है। बता दें कि एन्क्रिप्शन रियल टाइम में ही होता है।

VPN काम कैसे करता है? How does a VPN work?

जब भी वीपीएन के साथ ऑनलाइन सर्फ करते हैं, तो ये सर्वर आपके डेटा का स्रोत बन जाता है। इसका मतलब ये हुआ कि आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर(आईएसपी) और अन्य थर्ड पार्टी यह नहीं देख सकते कि आप कौन सी वेबसाइट पर जा रहे हैं या आप कौन सा डेटा ऑनलाइन भेज रहे हैं या हासिल कर रहे हैं। वीपीएन एक फ़िल्टर की तरह काम करता है।

VPN के फायदे – VPN Ke Fayde

एक वीपीएन कनेक्शन आपके डेटा ट्रैफ़िक को ऑनलाइन छिपाता है और इसे बाहरी पहुंच से बचाता है। अनएन्क्रिप्टेड डेटा को वो सभी लोग देख सकते हैं, जिनके पास नेटवर्क एक्सेस है और वह इसे देखना चाहते हैं। वहीं, वीपीएन के साथ हैकर्स और साइबर अपराधी इस डेटा को समझ नहीं सकते हैं। इसके अलावा भी वीपीएन के कई फायदे होते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

  • सुरक्षित एन्क्रिप्शन: वीपीएन आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे बिना एन्क्रिप्शन की चाबी के आपके डेटा को पढ़ना मुश्किल हो जाता है और आपकी ऑनलाइन गतिविधियां पब्लिक नेटवर्क पर भी सुरक्षित रहती हैं।
  • डेमोग्राफिक लोकेशन को छिपाना: वीपीएन आपके असली स्थान को छिपाता है और आपके इंटरनेट कनेक्शन को किसी दूसरे देश के सर्वर से जोड़कर आपके डेमोग्राफिक लोकेशन को बदलता है।
  • रीजनल कंटेंट का एक्सेस: वीपीएन का उपयोग करके आप दुनिया के किसी भी हिस्से का कंटेंट एक्सेस कर सकते हैं, चाहे वह आपके स्थान से प्रतिबंधित क्यों न हो।
  • सुरक्षित डेटा ट्रांसफर: वर्क फ्रॉम होम करते समय, वीपीएन आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करके सुरक्षा सुनिश्चित करता है और नेटवर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

VPN कनेक्शन का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए?

आमतौर पर जब आप इंटरनेट से कनेक्ट होते हैं तो आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आपका कनेक्शन सेट कर देता है। ये आपको आईपी एड्रेस के जरिए ट्रैक करता है। आपका नेटवर्क ट्रैफ़िक आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के सर्वर के जरिये रूट किया जाता है, जो आपके द्वारा ऑनलाइन किए जाने वाले सभी कामों को लॉग और दिखा सकता है।

आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर भरोसेमंद हो सकता है, लेकिन ये आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री को विज्ञापनदाताओं, पुलिस या सरकार और/या अन्य थर्ड पार्टी के साथ शेयर कर सकता है। यही नहीं, अगर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को हैक किया जाए तो ये भी साइबर अपराधियों के हमलों का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में आपके व्यक्तिगत और निजी डेटा से समझौता किया जा सकता है।

अगर आप नियमित रूप से पब्लिक वाईफाई नेटवर्क से कनेक्ट करते हैं तो VPN कनेक्शन होना बहुत ही जरूरी है। आप ये नहीं जानते कि आपके इंटरनेट ट्रैफ़िक की निगरानी कौन कर रहा है और वो आपसे क्या चुरा सकते हैं। ऐसे में अगर आप पासवर्ड, पर्सनल डेटा या पेमेंट इनफार्मेशन को अपनी डिवाइस में स्टोर करते हैं और उसमें वीपीएन कनेक्शन नहीं है तो इससे आपकी सारी डिटेल्स बहुत आसानी से चोरी हो सकती हैं।

वीपीएन का काम क्या है? What does VPN do in Hindi

आपको एक या उससे ज्यादा काम को करने के लिए अपने वीपीएन पर निर्भर रह सकती हैं। वीपीएन खुद को भी किसी तरह के समझौते बचाता है। ऐसे में ये जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिर वीपीएन का काम क्या है और इसकी विशेषताएं क्या हैं:

  • आईपी एड्रेस का एन्क्रिप्शन: वीपीएन का प्राथमिक काम आईपी एड्रेस को आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और थर्ड पार्टी से छिपाना है। ये आपको आपके और वीपीएन प्रदाता के अलावा किसी के भी जोखिम के बिना जानकारी ऑनलाइन भेजने और प्राप्त करने की इजाजत देता है।
  • प्रोटोकॉल का एन्क्रिप्शन: वीपीएन का काम है इंटरनेट हिस्ट्री, सर्च हिस्ट्री और कुकीज़ को सुरक्षित रखना। कुकीज़ का एन्क्रिप्शन विशेष रूप से जरूरी है क्योंकि ये थर्ड पार्टी को व्यक्तिगत डेटा, वित्तीय जानकारी और वेबसाइट्स पर अन्य कंटेंट जैसी गोपनीय जानकारी तक पहुंच हासिल करने से रोकता है।
  • किल स्विच: अगर आपका वीपीएन कनेक्शन अचानक बाधित हो जाता है, तो आपका सुरक्षित कनेक्शन भी बाधित हो जाएगा। एक अच्छा वीपीएन इस अचानक डाउनटाइम का पता लगा सकता है और पूर्व-चयनित प्रोग्राम को खत्म कर सकता है, जिससे डेटा से समझौता होने की संभावना कम हो जाती है।
  • टू-वे ऑथेंटिफिकेशन: कई ऑथेंटिफिकेशन मेथड्स का इस्तेमाल करके वीपीएन लॉग इन करने की कोशिश करने वाले हर व्यक्ति की जांच करता है। 

इसे उदाहरण के जरिये समझते हैं। मान लीजिए कि आपको पासवर्ड दर्ज करने के लिए कहा जा सकता है, जिसके बाद आपके मोबाइल डिवाइस पर एक कोड भेजा जाता है। इससे बिन बुलाए थर्ड पार्टीज के लिए आपके सुरक्षित कनेक्शन तक पहुंच मुश्किल हो जाती है।

VPN के प्रकार Types of VPN in Hindi

VPN के प्रकार जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि विभिन्न प्रकार के VPN आपकी सुरक्षा और नेटवर्क कनेक्टिविटी की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं।

SSL VPN (एसएसएल वीपीएन) – SSL VPN in Hindi

अक्सर किसी कंपनी के सभी कर्मचारियों के पास कंपनी के लैपटॉप नहीं होते हैं। साल 2020 में कोरोना संकट के दौरान कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए पर्याप्त डिवाइस नहीं होने की समस्या का सामना करना पड़ा। ऐसे में अक्सर निजी डिवाइस (पीसी, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन) का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी स्थिति में कंपनियां एसएसएल-वीपीएन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे आमतौर पर संबंधित हार्डवेयर बॉक्स के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

आमतौर पर एक HTML-5-सक्षम ब्राउज़र की जरूरत होती है, जिसका इस्तेमाल कंपनी के लॉगिन पेज पर कॉल करने के लिए किया जाता है। HTML-5 सक्षम ब्राउजर किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए उपलब्ध हैं। एक्सेस को यूजर नेम और पासवर्ड से सुरक्षित रखा जाता है।

Site-to-site VPN (साइट-टू-साइट वीपीएन) – Site-to-site VPN  In Hindi

साइट-टू-साइट वीपीएन एक प्राइवेट नेटवर्क है जिसे प्राइवेट इंट्रानेट को छिपाने और इन सुरक्षित नेटवर्क के यूजर्स को एक-दूसरे के संसाधनों तक पहुंचने की इजाजत देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अगर आपकी कंपनी के कई लोकेशन पर ऑफिस हैं, जिनमें से हर ऑफिस का अपना लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) से जुड़ा है, तो आपके लिए साइट-टू-साइट वीपीएन काफी काम की चीज है। 

साइट-टू-साइट वीपीएन तब भी उपयोगी होते हैं जब आपके पास दो अलग-अलग इंट्रानेट हैं जिनके बीच आप एक इंट्रानेट के यूजर्स के बिना दूसरे इंट्रानेट तक स्पष्ट रूप से पहुंच के बिना फ़ाइलें भेजना चाहते हैं। साइट-टू-साइट वीपीएन का इस्तेमाल मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों में किया जाता है। 

Client-to-Server VPN (क्लाइंट-टू-सर्वर  वीपीएन) – Client-to-Server VPN in Hindi

क्लाइंट-टू-सर्वर वीपीएन यूजर के डिवाइस (क्लाइंट) और कंपनी के निजी नेटवर्क (सर्वर) के बीच एक सुरक्षित कनेक्शन को कहते हैं। ये रिमोट यूजर्स को इंटरनेट पर फाइल्स, ऐप्स या डेटाबेस जैसे आंतरिक संसाधनों तक सुरक्षित रूप से पहुंचने देता है। क्लाइंट-टू-सर्वर वीपीएन एक्सेस का लाभ अधिक दक्षता और कंपनी के संसाधनों तक यूनिवर्सल पहुंच है।

SSL, Site-to-Site और Client-to-Server VPN की तुलना

SSL, Site-to-Site और Client-to-Server VPN की तुलना से यह समझें कि किस प्रकार का VPN आपकी सुरक्षा जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त है।

VPN प्रकारउपयोग की स्थितिमुख्य विशेषताकौन उपयोग करता है?
SSL VPNनिजी डिवाइस से कंपनी नेटवर्क तक सुरक्षित पहुंचHTML5 ब्राउज़र से लॉगिन; पासवर्ड आधारित सुरक्षाकर्मचारी, स्टूडेंट्स
Site-to-Site VPNअलग-अलग ऑफिस ब्रांच को जोड़नाLANs को एक साथ जोड़ता है; स्थायी नेटवर्क कनेक्शनबड़ी कंपनियाँ
Client-to-Server VPNरिमोट लोकेशन से कंपनी सर्वर तक पहुंचक्लाइंट और सर्वर के बीच सुरक्षित कनेक्शनवर्क फ्रॉम होम कर्मचारी

सर्वश्रेष्ठ VPN सेवाएं – Best VPN Services

नीचे दी गई तालिका में कुछ बेहतरीन और विश्वसनीय VPN सेवाओं की जानकारी दी गई है, जो आपकी ऑनलाइन सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए उपयोगी हैं।

VPN सेवाप्लेटफ़ॉर्मप्रमुख फ़ीचर्स
ExpressVPNWindows, Mac, Android, iOSतेज़ स्पीड, 94 देशों में सर्वर, मजबूत एन्क्रिप्शन
NordVPNWindows, Mac, Android, iOSडबल VPN, थ्रेट प्रोटेक्शन, नो-लॉग पॉलिसी
ProtonVPNWindows, Mac, Android, iOSफ्री प्लान, स्ट्रॉन्ग प्राइवेसी प्रोटेक्शन, ओपन सोर्स
SurfsharkWindows, Mac, Android, iOSअनलिमिटेड डिवाइस, किल स्विच, CleanWeb (ads & tracker blocker)
CyberGhostWindows, Mac, Android, iOSयूज़र-फ्रेंडली, 9000+ सर्वर, स्ट्रीमिंग और टॉरेंटिंग के लिए उपयुक्त
WindscribeWindows, Mac, Android, iOSफ्री डाटा (10GB/महीना), फायरवॉल, ब्राउज़र एक्सटेंशन
Private Internet Access (PIA)Windows, Mac, Android, iOSओपन-सोर्स, मजबूत कस्टमाइजेशन, नो-लॉग पॉलिसी

अपने कंप्यूटर पर VPN कैसे इंस्टॉल करें?

अपने कंप्यूटर पर VPN इंस्टॉल करना एक आसान प्रक्रिया है। नीचे स्टेप-बाय-स्टेप तरीका दिया गया है:

  1. VPN सेवा चुनें:
    पहले एक विश्वसनीय VPN सेवा (जैसे – NordVPN, ExpressVPN, ProtonVPN आदि) का चयन करें और उसकी वेबसाइट पर जाएं।
  2. सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें:
    अपनी ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows, Mac, Linux) के अनुसार VPN क्लाइंट को डाउनलोड करें।
  3. इंस्टॉल करें:
    डाउनलोड की गई फाइल को खोलें और स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों के अनुसार VPN सॉफ़्टवेयर को इंस्टॉल करें।
  4. लॉगिन करें:
    इंस्टॉलेशन के बाद VPN ऐप को खोलें और अपने VPN अकाउंट से लॉगिन करें।
  5. सर्वर से कनेक्ट करें:
    लॉगिन करने के बाद किसी देश का सर्वर चुनें और “Connect” बटन पर क्लिक करें।
  6. कनेक्शन की पुष्टि करें:
    कनेक्ट हो जाने के बाद, आपका इंटरनेट ट्रैफ़िक एन्क्रिप्ट हो जाएगा और आपकी पहचान छिपी रहेगी।

निष्कर्ष

एक वीपीएन कनेक्शन आपके और इंटरनेट के बीच एक सुरक्षित कनेक्शन स्थापित करता है। वीपीएन के जरिये आपका सारा डेटा ट्रैफ़िक एक एन्क्रिप्टेड वर्चुअल टनल के माध्यम से रूट किया जाता है। जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके आईपी एड्रेस को छिपा देता है, जिससे इसका स्थान सभी के लिए अदृश्य हो जाता है।

एक वीपीएन कनेक्शन बाहरी हमलों के खिलाफ भी सुरक्षित है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एन्क्रिप्टेड टनल में केवल आप ही डेटा तक पहुंच सकते हैं और कोई नहीं कर सकता क्योंकि उनके पास की (चाभी) नहीं है।

Shobhit Kalra द्वारा लिखित

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में,... और पढ़ें

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