
सारांश: ज्योतिष एक विस्तृत विषय है, इसे शब्दों में नहीं बांधा जा सकता है। वैसे तो पंचांग धर्म ग्रंथों के आधार पर ज्योतिष को जाना जा रहा है, लेकिन इसे जानने के लिए सरल माध्यम भी आ गया है। कई ज्योतिषीय सॉफ्टवेयर है जो ज्योतिष के बारे में बताते हैं। जिनमें ज्योतिष कैसे काम करता है बताया जाता है। इस आर्टिकल के जरिये हम आप तक कुछ ज्योतिष से संबंधित विशेष बताने जा रहे हैं।.
भारत में ज़्यादातर घरों में आज भी एक बच्चे के जन्म लेते ही उसकी कुंडली बनवा दी जाती है- ताकि उसके जीवन कि दिशा, संभावनाओं और चुनौतियों को समझा जा सके। यह एक प्राचीन परंपरा है जो बहुत पुराने समय से चलती आ रही है। आजकल के लोग ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल न सिर्फ पूजा-पाठ या विवाह के मुहूर्त के लिए करते हैं, बल्की जीवन के कई पहलुओं में मार्गदर्शक के रूप में भी करते हैं।
ज्योतिष एक ऐसी विद्या मानी जाती है, जिससे आपके जीवन में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी की जाती है। यह एक ऐसा प्राचीन ज्ञान माना जाता है जिसमें ग्रहों, तारों और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन की कुंडली बनाकर उसके भूत, वर्तमान और भविष्य में होने वाली घटनाओं का अध्यन किया जाता है।
ज्योतिष विद्या बहुत ही प्राचीन है। यह न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के हर देश में अलग-अलग परंपराओं के रूप में भविष्य जानने के लिए उपयोग की जाती है। जैसे:
ऐसे ही कई अन्य देश हैं, जो अलग-अलग तरीकों से भविष्यवाणी करते हैं।
भारत में ज्योतिष की शुरूआत करीब 3000 साल पहले वैदिक काल में हुई थी, इसे वेदांग ज्योतिष कहा गया है।
ज्योतिष के कई प्रकार हैं जो अलग-अलग उद्देश्य से भविष्यवाणी करने पर आधारित है। जैसे:
ज्योतिष के पाँच अंग होते हैं, जिन्हें पंचांग कहा जाता है। इनका उपयोग विवाह, यज्ञ, गृह प्रवेश जैसे शुभ मुहुर्त निकालने, व्रत और पर्वों की तिथि जानने में, जन्म कुंडली बनाने में, और दैनिक राशिफल और ग्रहों की स्थिति समझने के लिए किया जाता है।
इन पाँच अंगों के नाम हैं:
भारतीय संस्कृति में ज्योतिष विद्या बहुत ही प्राचीन है, इसे एक पारंपरिक ज्ञान माना जाता है जो ग्रहों और नक्षत्रों की चाल के अनुसार किसी व्यक्ति के भविष्य का अनुमान लगाता है। वैज्ञानिक समुदाय ज्योतिष को विज्ञान नहीं मानता है। वह इसे छद्म विज्ञान (pseudo science) मानता है। इसका मतलब है कि इसे वैज्ञानिक रूप से सिध्द नहीं माना जाता है। हालाँकि, कई लोग इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्तिकोण से जीवन के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
ज्योतिष को विज्ञान इसलिए नहीं माना जाता क्योंकि इसे कई तरीकों से असफल माना गया है। जैेसे:
सनातन से जुड़े प्राचीन मुनियों ने ज्योतिष शास्त्र के विषय में अपने विचार रखते हुआ कहा है जो ज्योतिष को जानता है, वह सब कुछ जानता है। भारतीय संस्कृति का मूलाधार वेद है। वेद से ही हमें अपन धर्म और सदाचार का ज्ञान प्राप्त होता है। हमारी पारिवारिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और दार्शनिक विचारधाराओं के स्रोत भी वेद ही है। भारतीय विद्याएं वेदों से ही प्रकट हुई हैं।
वेदों के छः अंग कहे गये हैं-
इन्हें षड्-वेदागों की संज्ञा दी गयी है।
ज्योतिष के फलादेश और भविष्य फल के लिए तीन स्कन्धों की बात की जाती है। जिसमें सबसे पहले सिद्धान्तस्कन्ध या गणिततंत्र है, उसके बाद संहितास्कन्ध और फिर होरास्कन्ध या जातकस्कन्ध प्रमुख है। ज्योतिष के तीन स्कन्धों के अनुसार सौर, सावन, नक्षत्र, चंद्र, संवत्सर, चरखंड, छाया, नाड़ी, करण के साथ समष्टि अध्ययन और व्यष्टि का अध्ययन किया जाता है।
इसके अलावा कुंडली और कुंडली के बारह भाव, विंशोत्तरी महादशा, पंचाग, सामुद्रिकशास्त्र, स्वरविज्ञान, शकुनशास्त्र, रत्नविज्ञान और आयुर्वेद भी ज्योतिष से जुड़े हुए हैं और जातक के काल निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ज्योतिष का मानव जीवन पर कई तरह से प्रभाव पडता है, इससे एक व्यक्ति को कई लाभ हो सकते हैं। जैसे- करियर को चुनने में मार्गदर्शन, रिश्ते को समझने और बहतर बनाने में सहायता, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना इत्यादि।
इसके कई अन्य लाभ भी हैं, जैसे:
आजकल भविष्य की जानकारी लेना रिवाज हो गया है। कोई हस्तरेखा से, कोई जन्मपत्रिका से, कोई अंक ज्योतिष से तो कोई तांत्रिकों से भविष्य को जानने का प्रयास करता है। कुछ लोग इसे व्यापार बनाकर भ्रमित करते हैं या भविष्य को अंधकारमय बतलाकर भयभीत करते हैं। इनसे सावधान ही रहना चाहिये। जप, ध्यान, स्वाध्याय, ईश्वरभक्ति द्वारा जैसी भी हमारी स्थिति है, उसे आनन्दमय, सुखमय बना सकते हैं।
इसीलिये कहा गया है कि ‘हरि प्रसाद कछु दुर्लभ नाहीं।’ भविष्य को अनुकूल बनाकर संतोष कर प्रतिकूलता में भी अनुकूलता का दर्शन कर सकते हैं। ज्योतिष का यह महत्वपूर्ण कारण हमें आज उसकी प्रबल आवश्यकता की ओर ले जाता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह को निर्णय लेने और संचार से जुड़ा महत्वपूर्ण माना जाता है। बुध ग्रह की स्थिति का अध्ययन पंचम, नवम, और एकादश भाव से किया जाता है। यहाँ अलग-अलग तत्वों से अलग-अलग तरह की निर्णय लेने की स्थितियां बनती हैं। बुध ग्रह की उपस्थिति विविध प्रकार की निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है।
चंद्रमा मन का कारक होता है और इसलिए निर्णय क्षमता में इसकी विशेष भूमिका होती है। इसके अलावा, जो ग्रह मुख्य रूप से शामिल हैं, वे हैं: बुध, चंद्रमा, और बृहस्पति। इन ग्रहों की स्थिति और प्रभाव का अध्ययन ज्योतिष में निर्णय लेने की क्षमता को समझने में मदद करता है।
आज के समय का ज्योतिष सिर्फ पुरानी परंपराओं तक सीमित नहीं है, यह अब आधूनिक तकनीकों के साथ नया मोड़ लेती जा रही है। इसमें सबसे बड़ा योगदान AI का है।
ऐसे में कई सवाल खडे होते हैं कि क्या AI भविष्य में मानव ज्योतिष को खत्म कर देगा, तो इसका जवाब है नहीं। AI ज्योतिष सिर्फ एक सहायक उपकरण है। AI सीमित होता है, यह केवल कुछ अंकों और जन्म विवरण पर आधारित होता है। वहीं मानव ज्योतिष एक व्यक्ति केसंस्कार, स्वभाव, व्यवहार, कर्म, मनोस्थिति के आधार पर भविष्यवाणी करता है।
ज्योतिष सॉफ्टवेयर में जातक के जन्म समय, दिन और स्थान की जानकारी डाली जाती है जिसके बाद गणित, होरा और संहिता के आधार पर बना हुआ सॉफ्टवेयर कुछ ही मिनटों में जातक की कुंडली निर्माण ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के साथ दशा-महादशा, विंशोत्तरी दशा, योग-करण, गोचर, चलित तालिका एवं चलित चक्र और भविष्यफल मिल जाता है।
सॉफ्यवेयर में जातक का अतिशुद्ध जन्म समय, स्पष्ट कुंडली निर्माण के साथ भविष्यफल देखने में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा ज्योतिष सॉफ्टवेयर की मदद से लग्न तालिका, शनि की साढ़े साती, नामकरण सुझाव, सामान्य भविष्यफल, मंगलदोष, कालसर्प दोष, दशाफल विश्लेषण की भी जानकारी मिल जाती है।
| सॉफ्टवेयर का नाम | प्रमुख फीचर्स | उपयुक्त उपयोगकर्ता |
|---|---|---|
| AstroSage Kundli | जन्म कुंडली, विवाह मिलान, गोचर, दैनिक राशिफल | शुरुआती और सामान्य यूज़र्स |
| LeoStar | उन्नत ज्योतिषीय कैलकुलेशन, पंचांग, दशा, भविष्यवाणी | प्रोफेशनल ज्योतिषी |
| Astrocomp | विवाह मिलान, ज्योतिषीय रिपोर्ट, वार्षिक भविष्यवाणी | विस्तृत कुंडली विश्लेषण चाहने वाले |
| Future Point LeoStar | ज्योतिष, अंक ज्योतिष, वास्तु और टैरो टूल्स | प्रोफेशनल और स्टूडेंट |
| Astro-Vision LifeSign | मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट, कुंडली निर्माण, राशिफल, मुहूर्त | शुरुआती और सामान्य यूज़र्स |
ज्योतिष में मंत्रोउपासना, रत्नधारण, यंत्र और तंत्र के साथ औषधियों का प्रयोग मनुष्य के कल्याण के लिये बताये गये हैं। सॉफ्टवेयर में भविष्य की जानकारी मिलने पर जातक की कठोर और यातनाप्रद विपत्ति को एक सीमा तक उसी प्रकार अपने अनुकूल बना सकता है, जैसे नक्शा या परिचर पाकर हम किसी नये स्थान की सुगमता से दर्शन कर सकते हैं। भटकाव या दिशा-भेद से बच सकते हैं।
दुनिया में कष्टों की कमी नहीं है तो उपायों की भी कमी नहीं है। बात बस इतनी सी ही है कि हम अपनी विषमता का निदान कैसे और कितना कर सकते हैं। और उसके उपचार करने की ललक और साहस हमारे भीतर कितनी है? सॉफ्टवेयर के द्वारा भविष्य की स्थिति का ज्ञान होने से, अनिष्टकारी फल का ज्योतिष समाधान कर, जातक सही पथ-प्रदर्शन करता है।
ज्योतिष, व्यक्ति के स्वभाव और रिश्तों के जुड़ने के बारे में सरल व्याख्या करता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहों की स्थिति और उनकी गतिविधियां, व्यक्ति के सम्बंधों पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जिसका सीधा असर व्यक्ति के रिश्तों पर भी पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न ग्रहों की स्थिति और योग के आधार पर व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार के रिश्ते बनते हैं और प्रभावित होते हैं। यह रिश्ते विवाह, प्रेम, मित्रता, परिवार, व्यापारिक, और सामाजिक रिश्ते जैसे अनेक प्रकार के हो सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, व्यक्ति के जीवन में दूसरे व्यक्तियों से जुड़ने के कई तरीके होते हैं। इसमें ग्रहों की स्थिति, योग, और दशाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया होती है। ग्रहों की समान या योग्य स्थिति के व्यक्तियों के बीच अच्छा संबंध बनता है। व्यक्ति के रोमांटिक संबंध भी ग्रहों की स्थिति और योगों के आधार पर उसके जीवन में आते हैं तो वहीं दो व्यक्तियों की दोस्ती भी ज्योतिष में देखी जा सकती है।
काम के क्षेत्र में साझेदारी, उपयोगी संबंध, या प्रोफेशनल संबंध भी ग्रहों के प्रभाव में होते हैं। ग्रहों की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के सामाजिक संबंध भी बनते हैं, जैसे परिवार, समुदाय, और समाज के सदस्यों के साथ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभावों के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, भविष्य और घटनाओं का अध्ययन करना एस्ट्रोलॉजी (ज्योतिष) कहलाता है।
ज्योतिष संभावनाओं का विज्ञान है। यह आस्था और अनुभव पर आधारित है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से पूर्णतः सिद्ध नहीं है।
ज्योतिष भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता की देन है, जिसे महर्षि पाराशर और अन्य ऋषियों ने विकसित किया।
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