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Tally में Depreciation Entry कैसे करें | Depreciation Entry in Tally In Hindi

Tally में Depreciation Entry कैसे करें | Depreciation Entry in Tally In Hindi-feature image
13 जून 2025 2 Min पढ़ें

डेप्रिसिएशन (Depreciation) एक महत्वपूर्ण लेखांकन प्रक्रिया है, जो किसी भी व्यवसाय के लिए ज़रूरी होती है। जब हम कोई स्थायी संपत्ति (Fixed Asset) जैसे मशीन, फर्नीचर, वाहन आदि खरीदते हैं, तो उनकी कीमत समय के साथ घटती जाती है। इसे ही डेप्रिसिएशन कहते हैं। 

अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर जैसे टैली में डेप्रिसिएशन की सही एंट्री करना ज़रूरी है ताकि आपके अकाउंट्स और फाइनेंशियल रिपोर्ट्स सही बने रहें। इस ब्लॉग में हम टैली में डेप्रिसिएशन एंट्री को सबसे आसान और सरल हिंदी में विस्तार से समझेंगे।

Tally में Depreciation Entry कैसे करें

डेप्रिसिएशन क्या है? | What is Depreciation in Hindi

डेप्रिसिएशन का मतलब है किसी फिक्स्ड एसेट जैसे मशीन, बिल्डिंग, वाहन आदि की कीमत का समय के साथ धीरे-धीरे घटना। जब हम कोई सामान या उपकरण खरीदते हैं, तो उसकी कीमत खरीद के समय जितनी होती है, वह हमेशा समान नहीं रहती। इस्तेमाल और समय के चलते उस चीज़ की कीमत कम हो जाती है। इसे ही डेप्रिसिएशन कहते हैं। 

डेप्रिसिएशन की वजह से हम अपने व्यावसायिक खर्चों में वास्तविक नुकसान को दिखा पाते हैं। यह खर्च हमारे प्रॉफिट और लॉस अकाउंट में दिखाया जाता है जिससे हमारे टैक्स की गणना सही होती है। डेप्रिसिएशन हर साल किया जाता है ताकि एसेट की सही कीमत बैलेंस शीट में दिखाई दे। सरकार भी डेप्रिसिएशन को टैक्स बचाने का एक तरीका मानती है। 

इसलिए डेप्रिसिएशन की सही गणना और एंट्री करना व्यवसाय के लिए बहुत ज़रूरी है। यह हमें बताता है कि हमारे एसेट की वास्तविक कीमत क्या बची है। कुल मिलाकर, डेप्रिसिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम एसेट के मूल्य में कमी को रिकॉर्ड करते हैं और वित्तीय रिपोर्टिंग को सही बनाते हैं। उदाहरण के लिए, आपने एक मशीन ₹1,00,000 में खरीदी, जो हर साल 10% की दर से Depreciate होती है। इसका मतलब है कि पहले साल के अंत में मशीन की कीमत ₹90,000 रह जाएगी।

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डेप्रिसिएशन क्यों ज़रूरी है?

  1. एसेट की वास्तविक कीमत दिखाने के लिए: डेप्रिसिएशन से एसेट की कीमत समय के साथ कम होती है, जिससे बैलेंस शीट में सही मूल्य दिखता है। इससे व्यवसाय को पता चलता है कि एसेट की वर्तमान वैल्यू क्या है।
  2. वित्तीय रिपोर्टिंग को सही रखने के लिए: डेप्रिसिएशन खर्च को सही तरीके से रिकॉर्ड करता है, जिससे प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट वास्तविक बनता है। इससे निवेशक और प्रबंधन बेहतर निर्णय ले पाते हैं।
  3. टैक्स बचाने के लिए: डेप्रिसिएशन खर्च के रूप में मान्यता प्राप्त होता है, जिससे टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है। इससे व्यवसाय को टैक्स में छूट मिलती है और आर्थिक लाभ होता है।
  4. व्यवसाय के खर्चों को समान रूप से बांटने के लिए: डेप्रिसिएशन के जरिए एसेट की लागत को उसकी उपयोगी जीवन अवधि में बांटा जाता है। इससे एक साल में पूरा खर्च नहीं दिखता, बल्कि सही समय पर खर्च होता है।
  5. मालिक को एसेट रिप्लेसमेंट की योजना बनाने में मदद करने के लिए: डेप्रिसिएशन से पता चलता है कि एसेट कब पुराना हो जाएगा। इससे व्यवसाय नई मशीन या उपकरण खरीदने की तैयारी कर सकता है।

और जाने: Tally में Debit और Credit Note Entry कैसे करें

डेप्रिसिएशन के प्रकार | Types of Depreciation in Hindi

 Types of Depreciation in Hindi
  1. सीधा रेखा विधि (Straight Line Method): इसमें एसेट की लागत को उसकी उपयोगी जीवन अवधि में समान हिस्सों में बांटा जाता है। हर साल एक समान राशि खर्च के रूप में दर्ज होती है। यह सबसे आसान और आम तरीका है।
  2. घटती शेष विधि (Diminishing Balance Method): इसमें हर साल एसेट की बची हुई कीमत पर एक निश्चित प्रतिशत से डेप्रिसिएशन किया जाता है। पहले साल ज्यादा और बाद के सालों में कम डेप्रिसिएशन होता है।
  3. यूसेज बेस्ड विधि (Units of Production Method): इसमें डेप्रिसिएशन एसेट के इस्तेमाल या उत्पादन के आधार पर किया जाता है। जितना ज़्यादा इस्तेमाल, उतना ज़्यादा खर्च। यह मशीनों के लिए उपयुक्त है।
  4. संबंधित उत्पाद विधि (Sum of the Years’ Digits Method): इसमें सालों की संख्या के जोड़ के आधार पर डेप्रिसिएशन तय किया जाता है। पहले साल ज़्यादा और धीरे-धीरे घटता है।

टैली में Depreciation Entry से पहले क्या करें

  1. डेप्रिसिएशन अकाउंट बनाएं: Ledger में Depreciation Account बनाएँ, Under: Indirect Expenses
  2. फिक्स्ड एसेट्स बनाएं: जिन संपत्तियों पर डेप्रिसिएशन देना है, उनके लिए Asset Ledgers बनाएं, Under: Fixed Assets।
  3. डेप्रिसिएशन रेट तय करें: हर एसेट के लिए वार्षिक डेप्रिसिएशन प्रतिशत तय करें।
  4. रिपोर्ट्स और डाटा तैयार रखें: पिछले साल के बैलेंस और एसेट की कीमत जान लें।
  5. वाउचर टाइप चेक करें: Journal Voucher (F7) के लिए तैयार रहें।
  6. डेटा सही रखें: तारीख, राशि और विवरण सही भरें ताकि अकाउंटिंग सही हो।

टैली में डेप्रिसिएशन एंट्री कैसे करें? | Depreciation Entry in Tally

  1. Gateway of Tally में जाएं।
  2. Accounting Vouchers में जाएं और Journal Voucher (F7) चुनें।
  3. तारीख डालें (जैसे फाइनेंशियल ईयर के अंत की तारीख)।
  4. डेबिट में Depreciation Account चुनें।
  5. क्रेडिट में उस Fixed Asset Ledger को चुनें जिस पर डेप्रिसिएशन देना है (जैसे Machinery)।
  6. डेप्रिसिएशन की राशि दर्ज करें।
  7. Narration में विवरण लिखें, जैसे Depreciation for FY 2023-24।
  8. एंट्री सेव करें।

और जाने: टैली में TDS एंट्री कैसे करें

टैली में डेप्रिसिएशन की ऑटोमेटिक एंट्री कैसे करें? | How to Do Automatic Depreciation Entry in Tally in Hind

  1. Gateway of Tally में जाएं।
  2. Accounting Info → Voucher Types → Alter करें।
  3. Journal Voucher खोलें।
  4. नीचे जाएं और Use for Depreciation को Yes करें।
  5. अब Accounting Vouchers में जाएं और Depreciation Voucher (Alt + F8) चुनें।
  6. अपनी सभी फिक्स्ड एसेट्स के लिए डेप्रिसिएशन रेट डालें।
  7. टैली अपने आप डेप्रिसिएशन की एंट्री कर देगा।
  8. एंट्री को सेव करें।

उदाहरण:

अगर आपने एक मशीन ₹1,00,000 की खरीदी है और उसका 10% डेप्रिसिएशन रेट है, तो ऑटोमेटिक एंट्री इस प्रकार होगी:

Debit: Depreciation A/c ₹10,000  

Credit: Machinery A/c ₹10,000  

Narration: Auto Depreciation for FY 2024-25

और जाने: टैली में वाउचर के प्रकार के बारे में

डेप्रिसिएशन रिपोर्ट कैसे देखें? | Tally Mein Depreciation Report Kaise Dekhen

  1. Gateway of Tally में जाएं।
  2. Display → Statements of Accounts → Ledger चुनें।
  3. Depreciation Account का नाम चुनें।
  4. यहाँ आपको डेप्रिसिएशन की सभी एंट्रीज और बैलेंस दिखेंगे।
  5. या, Display → Trial Balance में जाकर भी डेप्रिसिएशन की राशि देख सकते हैं।

डेप्रिसिएशन एंट्री के लिए ज़रूरी टिप्स | Best Tips For Depreciation Entry in Tally in Hindi

  1. सही डेप्रिसिएशन रेट का इस्तेमाल करें।
  2. हर फिक्स्ड एसेट के लिए अलग-अलग लेज़र बनाएं।
  3. एंट्री करते समय तारीख सही डालें।
  4. डेप्रिसिएशन की राशि सालाना हिसाब से अपडेट करें।
  5. Narration में स्पष्ट विवरण लिखें।
  6. डेप्रिसिएशन एंट्री हमेशा Journal Voucher (F7) में करें।
  7. एसेट के खरीद और विक्रय रिकॉर्ड अपडेट रखें।
  8. साल के अंत में डेप्रिसिएशन जरूर पोस्ट करें ताकि सही रिपोर्ट मिले।
  9. टैली बैकअप बनाकर रखें ताकि डाटा सुरक्षित रहे।
  10. डेप्रिसिएशन की रिपोर्ट नियमित चेक करते रहें।
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डेप्रिसिएशन एंट्री का प्रभाव | Effect of Depreciation Entry in Accounting & Tally in Hindi

  1. फिक्स्ड एसेट की मूल्य में कमी दिखाता है।
  2. कंपनी के खर्च में वृद्धि होती है क्योंकि डेप्रिसिएशन खर्च माना जाता है।
  3. लाभ (Profit) कम होता है क्योंकि खर्च बढ़ जाता है।
  4. टैक्सेबल इनकम पर असर पड़ता है, जिससे टैक्स कम हो सकता है।
  5. बैलेंस शीट में एसेट का नेट वर्थ कम हो जाता है।
  6. सही डेप्रिसिएशन से वित्तीय रिपोर्टिंग विश्वसनीय बनती है।

डेप्रिसिएशन एंट्री का प्रैक्टिकल उदाहरण | Tally Depreciation Entry Example in Hindi

मान लीजिए, आपने ₹1,00,000 की मशीन खरीदी और उसका सालाना डेप्रिसिएशन रेट 10% है।

डेप्रिसिएशन राशि: ₹1,00,000 × 10% = ₹10,000

टैली में एंट्री:

  • डेबिट: Depreciation Expense A/c ₹10,000
  • क्रेडिट: Machinery A/c ₹10,000

इससे मशीन की वैल्यू ₹10,000 कम हो जाएगी और खर्च में ₹10,000 जुड़ जाएगा।

टैली में डेप्रिसिएशन के लिए शॉर्टकट्स

कार्य (Action)शॉर्टकट Key
जर्नल वाउचर खोलना (Open Journal Voucher)F7
डेट बदलना (Change Date on Voucher Screen)F2
वाउचर को सेव करना (Save Voucher Entry)Ctrl + A
ऑटो डेप्रिसिएशन वाउचर खोलना (If enabled)Alt + F8
Voucher Type में बदलाव करनाCtrl + F10 (TallyPrime)
Gateway of Tally से Accounting Vouchers में जानाV (Shortcut to go from Gateway to Vouchers)
Ledger Details देखना (Ledger Report)D → A → L (Display → Accounts → Ledger)
Trial Balance देखनाD → T (Display → Trial Balance)
Voucher को Print करनाAlt + P
Narration के लिए Cursor ले जानाCtrl + Enter (जब भी field में हो)

डेप्रिसिएशन एंट्री करते समय सावधानियां

  1. सही डेप्रिसिएशन रेट का ही उपयोग करें।
  2. एसेट का सही लेज़र और ग्रुप चुनें।
  3. एंट्री में तारीख सही डालें।
  4. डेप्रिसिएशन एंट्री हर साल नियमित रूप से करें।
  5. Narration में स्पष्ट विवरण लिखें।
  6. डुप्लीकेट एंट्री से बचें।
  7. डेप्रिसिएशन का असर बैलेंस शीट और प्रॉफिट एंड लॉस में सही दिखे, यह जांचें।
  8. ज़रूरी हो तो बैकअप ज़रूर लें।
  9. पुराने एसेट्स और उनके मूल्य को अपडेट रखें।
  10. अगर ऑटोमेटिक डेप्रिसिएशन सेट किया है, तो उसकी जांच अवश्य करें।

निष्कर्ष

टैली में डेप्रिसिएशन एंट्री करना आसान है और यह व्यवसाय के लिए बहुत ज़रूरी भी है। सही तरीके से डेप्रिसिएशन रिकॉर्ड करने से आपके अकाउंट्स साफ-सुथरे रहेंगे और टैक्स, रिपोर्टिंग में भी आसानी होगी। ऊपर दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से टैली में डेप्रिसिएशन की एंट्री कर सकते हैं।

डेप्रिसिएशन एंट्री से जुड़े सवाल और जवाब

  1. Tally में डेप्रिसिएशन एंट्री किस वाउचर में होती है?

    जर्नल वाउचर (Journal Voucher) में।

  2. डेप्रिसिएशन की गणना कैसे करें?

    मशीन की कीमत × डेप्रिसिएशन प्रतिशत = डेप्रिसिएशन राशि।

  3. डेप्रिसिएशन रेट कौन तय करता है?

    कंपनी पॉलिसी या सरकार के नियम तय करते हैं।

  4. क्या डेप्रिसिएशन की एंट्री हर साल करनी होती है?

    हाँ, हर वित्तीय वर्ष के अंत में।

  5. Tally में डेप्रिसिएशन को ऑटोमेटिक कैसे सेट करें?

    Fixed Asset Ledger में डेप्रिसिएशन रेट सेट करके Auto Depreciation वाउचर बनाकर।

  6. डेप्रिसिएशन एंट्री करते समय किन लेजरों का इस्तेमाल होता है?

    Depreciation Account (Debit) और Fixed Asset Account (Credit)।

  7. क्या डेप्रिसिएशन खर्च Profit & Loss Account में दिखता है?

    हाँ, यह Indirect Expenses के रूप में आता है।

  8. डेप्रिसिएशन से टैक्स कैसे बचता है?

    डेप्रिसिएशन खर्च होने से Taxable Income कम हो जाती है।

  9. क्या किसी एसेट का डेप्रिसिएशन 0 हो सकता है?

    हाँ, अगर उसकी पूरी कीमत डिप्रीसिएट हो गई हो या एसेट बेचा गया हो।

  10. क्या Tally में डेप्रिसिएशन की रिपोर्ट देख सकते हैं?

    हाँ, Ledger और Trial Balance से देख सकते हैं।

  11. डेप्रिसिएशन के लिए कौन-कौन सी जानकारी ज़रूरी होती है?

    एसेट की खरीद कीमत, खरीद तारीख, डेप्रिसिएशन रेट और उपयोग अवधि।

  12. क्या डेप्रिसिएशन की एंट्री गलत हो सकती है?

    हाँ, गलत रेट या लेजर चुनने से एंट्री गलत हो सकती है।

  13. डेप्रिसिएशन एंट्री में नोटेशन क्या लिखें?

    उदाहरण के लिए, Depreciation for FY 2024 लिखें ताकि स्पष्ट रहे।

Shobhit Kalra द्वारा लिखित

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में,... और पढ़ें

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