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इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम (IDS) क्या है, कैसे काम करता है और इसके प्रकार – IDS Kya Hai
Last Updated: May 2, 2025
आज के डिजिटल युग में, जहाँ हर दिन साइबर हमलों की संख्या और जटिलता बढ़ती जा रही है, वहाँ नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है। कंपनियाँ, सरकारी संस्थान और आम उपयोगकर्ता – सभी इंटरनेट और नेटवर्क से जुड़े हैं, जिससे खतरे भी बढ़ गए हैं। ऐसे में एक ऐसा सिस्टम जो नेटवर्क में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को समय रहते पहचान ले, बहुत जरूरी हो जाता है।
इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम (IDS) क्या है – What is IDS in Hindi
IDS (इंट्रूज़न डिटेक्शन सिस्टम) एक सिक्योरिटी टूल है जो नेटवर्क ट्रैफिक और डिवाइसों की निगरानी करता है ताकि किसी भी संदिग्ध या खतरनाक गतिविधि को पकड़ा जा सके। इसका काम है यह देखना कि कोई गलत या अनजान गतिविधि तो नहीं हो रही।
जब कोई खतरा नजर आता है, तो IDS सिक्योरिटी टीम को अलर्ट भेजता है, जिससे वे समय रहते कार्रवाई कर सकें। यह अलर्ट किसी बड़े सिक्योरिटी सिस्टम (जैसे SIEM) को भी भेजा जा सकता है, जो कई तरह की जानकारी जोड़कर खतरे की पहचान में मदद करता है।
कुछ कानून और नियम (जैसे PCI-DSS) कंपनियों से IDS लगाने की मांग करते हैं, ताकि डेटा की सुरक्षा बनी रहे।
ध्यान दें कि IDS सिर्फ खतरे को पहचान सकता है, उसे रोक नहीं सकता। इसलिए आजकल IDS को ऐसे सिस्टम (IPS) के साथ जोड़ा जाता है जो खतरे को पहचानने के साथ-साथ उसे रोक भी सके।
IDS (Intrusion Detection System) कैसे काम करता है?
IDS और SIEM (Security Information and Event Management):
IDS द्वारा भेजे गए अलर्ट SIEM सिस्टम में जाते हैं।
SIEM बाकी सुरक्षा टूल्स के अलर्ट के साथ इन्हें मिलाकर एक सेंट्रल डैशबोर्ड में दिखाता है।
इससे फाल्स अलर्ट हटाए जा सकते हैं और गंभीर खतरे पहले पहचानकर उस पर काम किया जा सकता है।
IDS और IPS (Intrusion Prevention System):
IPS भी IDS की तरह संदिग्ध नेटवर्क गतिविधि को मॉनिटर करता है, लेकिन IPS खतरे को तुरंत रोकने की क्षमता रखता है।
IPS नेटवर्क ट्रैफिक को ब्लॉक कर सकता है या किसी कनेक्शन को तुरंत खत्म कर सकता है।
IDS और IPS को कभी-कभी अलग रखा जाता है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में इन्हें IDPS (Intrusion Detection and Prevention System) के रूप में जोड़ा जाता है।
IDS और Firewall (फायरवॉल):
फायरवॉल नेटवर्क के बाहर से आने-जाने वाले ट्रैफिक को नियमों के अनुसार ब्लॉक या अलाउ करता है।
IDS फायरवॉल के पास रखा जाता है ताकि कोई खतरा अगर फायरवॉल से बच जाए, तो IDS उसे पकड़ सके।
आजकल के Next-Gen Firewalls में IDS और IPS की सुविधाएं भी शामिल होती हैं।
निष्कर्ष
IDS एक जरूरी सुरक्षा उपकरण है जो कंप्यूटर और नेटवर्क पर नजर रखता है और किसी भी संदिग्ध या खतरनाक गतिविधि का पता लगाकर अलर्ट भेजता है। यह खुद खतरे को नहीं रोकता, लेकिन जब इसे फायरवॉल, IPS और SIEM जैसे अन्य सुरक्षा टूल्स के साथ इस्तेमाल किया जाता है, तब यह बहुत प्रभावी हो जाता है।
आज के समय में जब साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं और ज्यादा स्मार्ट हो रहे हैं, IDS का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी हो गया है। यह आपकी जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करता है, कानून का पालन करने में सहायता करता है और पूरे सिस्टम की सुरक्षा को मजबूत बनाता है। जैसे घर में एक अलार्म सिस्टम घुसपैठियों के बारे में बताता है, वैसे ही IDS डिजिटल दुनिया में खतरों की जानकारी देता है।
Published On: May 2, 2025
Shobhit Kalra
शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।