टैली में इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग कैसे करें – Invoice Formatting in Tally in Hindi

Last Updated: June 18, 2025

टैली (Tally) आज के समय में भारत के सबसे लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में से एक है। बिज़नेस, व्यापारी, और अकाउंटेंट्स इसका इस्तेमाल अपने अकाउंट्स, इनवॉइसिंग, GST रिटर्न, और अन्य वित्तीय कार्यों के लिए करते हैं। 

इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग टैली में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे आपके बिल्स प्रोफेशनल, आकर्षक और नियमों के अनुसार बनते हैं। इस ब्लॉग में हम टैली में इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग को बेहद आसान भाषा में, स्टेप-बाय-स्टेप समझेंगे।

इनवॉइस क्या है? What is Invoice in Hindi

इनवॉइस (Invoice) एक बिल होता है जो कोई व्यवसाय (दुकानदार या कंपनी) अपने ग्राहक को देता है, जब वह कोई सामान बेचता है या सेवा प्रदान करता है। 

इसमें यह लिखा होता है कि कौन-सी चीज़ें बेची गईं, कितनी मात्रा में, किस रेट पर, और कुल कितने पैसे देने हैं। इनवॉइस में ग्राहक और दुकानदार की जानकारी, तारीख, टैक्स (जैसे GST), और पेमेंट की जानकारी भी होती है। 

इनवॉइस की ज़रूरत इसलिए होती है ताकि लेन-देन का रिकॉर्ड बना रहे, टैक्स सही से भरा जा सके और दोनों पक्षों को सबूत रहे कि क्या बेचा और कितने में। यह बिज़नेस में पारदर्शिता और भरोसा बनाए रखने में मदद करता है।

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टैली में इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग के फायदे

  • प्रोफेशनल दिखने वाला बिल: साफ-सुथरा और व्यवस्थित इनवॉइस ग्राहक पर अच्छा प्रभाव डालता है।
  • GST नियमों का पालन: GST के सभी जरूरी कॉलम (GSTIN, HSN/SAC, टैक्स ब्रेकअप आदि) अपने आप जुड़ते हैं।
  • क्लाइंट्स को क्लियर जानकारी: बिल में सभी विवरण स्पष्ट रूप से दिखते हैं, जिससे ग्राहक को पूरी जानकारी मिलती है।
  • अकाउंटिंग में आसानी: सही इनवॉइस से अकाउंटिंग, टैक्स रिटर्न और ऑडिट में आसानी होती है।
  • ब्रांडिंग और पहचान में मदद: लोगो, कंपनी का नाम, पता और कलर थीम जैसी चीज़ें जोड़कर व्यवसाय की पहचान मजबूत बनती है।

और जाने: टैली में स्टॉक ग्रुप क्या है?

टैली में इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग कैसे करें? | Tally Me Bill Format Kaise Banaye

1: टैली में लॉगिन करें

  • टैली प्राइम या टैली ERP 9 को ओपन करें।
  • कंपनी सिलेक्ट करें जिसमें आप इनवॉइस बनाना चाहते हैं।

2: इनवॉइस फीचर्स को इनेबल करें

F11 → फीचर्स में जाएं।
निम्न सेटिंग्स ऑन करें:

  • GST सक्षम करें (Enable Goods & Service Tax) — हां करें।
  • इन्वेंट्री और अकाउंटिंग फीचर्स ऑन करें।
  • ई-इनवॉइस (अगर लागू हो) सक्षम करें।

3: कंपनी इनफॉर्मेशन अपडेट करें

  • कंपनी इंफो में बिज़नेस का नाम, पता, GSTIN, PAN, फोन नंबर, ईमेल आदि दर्ज करें।
  • लोगो अपलोड करने के लिए:
    • Gateway of Tally → F12: Configuration → Printing → General → Add Company Logo → Yes
    • लोगो का फुल पाथ डालें (BMP फॉर्मेट में हो)।

4: इनवॉइस कस्टम फील्ड सेट करें

  • Gateway of Tally → Alter → Voucher Type → Sales
  • यहां आप Voucher Numbering, Prefix, Suffix आदि सेट कर सकते हैं।
  • इनवॉइस के लिए टर्म्स & कंडीशन्स के लिए Optional Fields भी जोड़ सकते हैं।

5: इनवॉइस प्रिंट फॉर्मेट सेट करें

  • Gateway of Tally → Display → Statutory Reports → GST → Print
    या
  • किसी भी इनवॉइस पर जाकर Ctrl + P दबाएं।
  • यहाँ आप:
    • हेडर में कंपनी डिटेल्स जोड़ सकते हैं।
    • बैंक डिटेल्स, धन्यवाद संदेश, टर्म्स आदि जोड़ सकते हैं।
    • टैक्स ब्रेकअप को ऑन/ऑफ कर सकते हैं।
    • प्रिंट के फॉर्मेट को सेव कर सकते हैं।

6: GST विवरण सही भरें

  • हर आइटम में HSN/SAC कोड, GST रेट सही दर्ज करें।
  • क्लाइंट मास्टर में GST डिटेल भरें।

7: इनवॉइस फॉर्मेट सेव करें

  • एक बार सेटिंग करने के बाद Tally हर इनवॉइस उसी फॉर्मेट में बनाएगा।
  • आप इसे बार-बार एडिट भी कर सकते हैं।

और जाने: Tally में Debit और Credit Note Entry कैसे करें

टैली में इनवॉइस फ़ॉर्मेटिंग के मुख्य पॉइंट्स

प्रोफेशनल हेडर

  • व्यवसाय का नाम, लोगो, पता, फोन नंबर, ईमेल आदि।
  • GSTIN (अगर लागू हो)।

क्लियर फॉर्मेटिंग

  • साफ-सुथरा और पढ़ने में आसान लेआउट।
  • उचित फॉन्ट, साइज और स्पेसिंग का उपयोग।

सीरियल इनवॉइस नंबर

  • हर इनवॉइस का यूनिक व क्रमबद्ध नंबर होना चाहिए।
  • उदाहरण: 001/2025-26, INV/1001 आदि।

तारीख और ड्यू डेट

  • इनवॉइस जारी करने की तारीख।
  • भुगतान की अंतिम तिथि (Due Date)।

डिटेल्ड डिस्क्रिप्शन

  • प्रत्येक वस्तु या सेवा का नाम, मात्रा, रेट और कुल कीमत।

टैक्स डिटेल्स

  • HSN/SAC कोड।
  • टैक्स दरें और टैक्स अमाउंट (CGST, SGST, IGST आदि)।

पेमेंट इंस्ट्रक्शन्स

  • बैंक डिटेल्स (Account Number, IFSC Code आदि)।
  • UPI ID या अन्य भुगतान विकल्प।
  • भुगतान शर्तें (Payment Terms)।

ब्रांडिंग

  • ब्रांड के रंग, लोगो और डिजाइन का समावेश।

धन्यवाद संदेश

  • एक छोटा सा “Thank You” नोट ग्राहकों के लिए।

टर्म्स एंड कंडीशन्स

  • भुगतान, रिफंड, डिलेवरी, लेट फीस आदि की शर्तें।

और जाने: टैली में वाउचर के प्रकार के बारे में

GST इनवॉइस फॉर्मेटिंग के नियम

सप्लायर की जानकारी:

  • सप्लायर का नाम
  • पूरा पता
  • GSTIN (GST रजिस्ट्रेशन नंबर)

खरीदार की जानकारी:

  • खरीदार का नाम
  • पूरा पता
  • GSTIN (यदि खरीदार रजिस्टर्ड हो)

इनवॉइस डिटेल्स:

  • इनवॉइस नंबर (यूनिक और क्रमबद्ध होना चाहिए; वित्तीय वर्ष के अनुसार सीरियल नम्बर)
  • इनवॉइस डेट (बिल बनाने की तिथि)

वस्तु / सेवा का विवरण:

  • HSN कोड (गुड्स के लिए) या SAC कोड (सर्विस के लिए)
  • आइटम या सेवा का नाम
  • मात्रा (Quantity)
  • रेट (Rate per unit)
  • कुल कीमत (Total value)

टैक्स विवरण:

  • टैक्स रेट (CGST, SGST, IGST के अनुसार)
  • टैक्स अमाउंट (अलग-अलग ब्रेकअप के साथ)

कुल बिल राशि:

  • कुल अमाउंट (टैक्स सहित)
  • अमाउंट शब्दों में भी लिखा होना चाहिए।

प्रमाणन:

  • अधिकृत व्यक्ति का सिग्नेचर या डिजिटल सिग्नेचर

और जाने: डिजिटल सिग्नेचर क्या है? कैसे बनाएं और कैसे काम करता है?

टैली में ई-इनवॉइस कैसे बनाएं? | How to Generate E-Invoice in Tally Prime in Hindi

टैली में ई-इनवॉइस बनाना काफी आसान है। इसके लिए सबसे पहले आपको टैली का लेटेस्ट वर्जन (जैसे TallyPrime) और ई-इनवॉइस सुविधा एक्टिवेट करनी होती है। 

कंपनी फीचर्स में जाकर “Enable Goods and Services Tax (GST)” और “Enable e-Invoicing” को Yes करें। 

फिर जब आप सेल इनवॉइस बनाएंगे, तो उसमें ग्राहक की पूरी जानकारी, GSTIN, HSN/SAC कोड, टैक्स रेट आदि भरें। इनवॉइस सेव करने के बाद टैली आपको ई-इनवॉइस जनरेट करने का विकल्प देगा। 

अगर आपका टैली ई-इनवॉइस पोर्टल से जुड़ा है (API के ज़रिए), तो वहीं से IRN नंबर और QR कोड जनरेट हो जाएंगे। 

अगर लिंक नहीं है, तो JSON फाइल एक्सपोर्ट करके ई-इनवॉइस पोर्टल पर अपलोड करना होता है। IRN और QR कोड मिलने के बाद टैली में अपडेट करें और इनवॉइस प्रिंट करें। इस तरह टैली में ई-इनवॉइस बन जाता है।

इनवॉइस को और आकर्षक कैसे बनाएं?

  • प्रोफेशनल हेडर और लोगो का इस्तेमाल करें
  • साफ-सुथरा और uncluttered डिजाइन रखें
  • ब्रांड कलर और फॉन्ट्स का यूज़ करें
  • कस्टमर के लिए धन्यवाद संदेश जोड़ें
  • PDF फॉर्मेट में सेव करें ताकि फॉर्मेटिंग न बिगड़े

इनवॉइस फॉर्मेटिंग में आम गलतियाँ | Common Mistakes in Invoice Formatting in Hindi

  • इनवॉइस नंबर रिपीट होना
  • GST डिटेल्स मिस करना
  • क्लाइंट डिटेल्स अधूरी होना
  • टैक्स रेट गलत लगाना
  • प्रूफरीडिंग न करना

इनवॉइस फॉर्मेटिंग के लिए बेस्ट प्रैक्टिस

हर इनवॉइस को यूनिक नंबर दें

  • हर इनवॉइस का नंबर अलग और क्रमबद्ध हो।
  • वित्तीय वर्ष के अनुसार सीरियल बनाएँ (जैसे: INV/2025/001)।

सभी फील्ड्स को सही-सही भरें

  • सप्लायर व ग्राहक की डिटेल्स पूरी और सही भरें।
  • HSN/SAC कोड, टैक्स रेट और टैक्स अमाउंट की जांच करें।
  • टोटल वैल्यू अंकों और शब्दों में लिखें।

प्रिंट से पहले प्रीव्यू जरूर देखें

  • फॉर्मेटिंग, अलाइनमेंट और डाटा एंट्री में कोई गलती तो नहीं — जांच लें।
  • गलत टैक्स ब्रेकअप या टाइपो से बचा जा सकता है।

GST नियमों का पालन करें

  • लेटेस्ट GST रूल्स, रेट्स, QR कोड, ई-इनवॉइस लागू होने की स्थिति का ध्यान रखें।
  • रिवर्स चार्ज, एक्सपोर्ट इनवॉइस आदि के नियमों को भी फॉलो करें।

इनवॉइस को PDF में सेव करें

  • PDF इनवॉइस दिखने में प्रोफेशनल होता है।
  • रिकॉर्ड रखने और क्लाइंट को भेजने में आसानी होती है।

जरूरत हो तो कस्टम TDL यूज़ करें

  • टैली में कस्टम TDL स्क्रिप्ट से इनवॉइस का लेआउट और फॉर्मेट बेहतर बनाया जा सकता है।
  • कंपनी की ब्रांडिंग, लोगो, बैंक डिटेल्स, खास टेबल आदि आसानी से जोड़े जा सकते हैं।

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टैली में इनवॉइस फॉर्मेटिंग से जुड़ी कुछ टिप्स

फॉर्मेटिंग में पूरी लचीलापन (Flexibility)

  • टैली आपको प्रिंटिंग के समय फील्ड्स को ऑन/ऑफ करने की सुविधा देता है।
  • आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से:
    • बैंक डिटेल्स दिखा सकते हैं या हटा सकते हैं
    • Declaration जोड़ सकते हैं
    • GST ब्रेकअप दिखा सकते हैं या हाइड कर सकते हैं
    • Terms & Conditions भी जोड़ सकते हैं

A5 साइज इनवॉइस — छोटे व्यवसाय के लिए बहुत उपयोगी

  • A5 साइज पेज पर दो इनवॉइस आसानी से प्रिंट हो सकते हैं।
  • इससे:
    • कागज की बचत होती है।
    • छोटे ग्राहक बिल के लिए कॉम्पैक्ट इनवॉइस बनता है।
  • टैली में Page Setup में जाकर A5 साइज सिलेक्ट कर सकते हैं।

एडवांस्ड कस्टमाइजेशन के लिए TDL डेवलपर से मदद लें

  • यदि आपको:
    • नया लेआउट चाहिए
    • कलर, फॉन्ट, हेडर-फुटर कस्टमाइज करने हैं
    • QR कोड, बारकोड, डिजिटल सिग्नेचर लगवाना हो
    • Auto Bank Details, UPI QR कोड लाना हो
  • तो TDL (Tally Definition Language) से यह संभव है।
  • किसी अनुभवी TDL डेवलपर से कस्टमाइज़ेशन करवा सकते हैं।

निष्कर्ष

टैली में इनवॉइस फॉर्मेटिंग करना बेहद आसान है। बस आपको ऊपर बताए गए स्टेप्स और टिप्स को फॉलो करना है। सही फॉर्मेटिंग से आपके बिज़नेस की प्रोफेशनल इमेज बनती है, क्लाइंट्स को समझने में आसानी होती है, और GST नियमों का पालन भी होता है। अगर आप चाहें तो कस्टम TDL फाइल्स की मदद से अपने इनवॉइस को और भी आकर्षक बना सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  • क्या टैली में इनवॉइस फॉर्मेटिंग के लिए अलग से सॉफ्टवेयर चाहिए?

    नहीं, टैली में ही सारी सेटिंग्स उपलब्ध हैं। एडवांस्ड कस्टमाइजेशन के लिए TDL फाइल्स का यूज़ कर सकते हैं।

  • क्या GST इनवॉइस और नॉर्मल इनवॉइस में फर्क है?

    हाँ, GST इनवॉइस में कुछ अतिरिक्त फील्ड्स अनिवार्य होती हैं जैसे HSN/SAC कोड, टैक्स डिटेल्स, GSTIN आदि।

  • क्या टैली में इनवॉइस को PDF में सेव कर सकते हैं?

    हाँ, प्रिंट के समय “Export” ऑप्शन से PDF में सेव किया जा सकता है।

  • इनवॉइस नंबर फॉर्मेटिंग क्यों जरूरी है?

    GST नियमों के अनुसार हर इनवॉइस का यूनिक और क्रमबद्ध नंबर होना जरूरी है, जिससे ट्रैकिंग और ऑडिट आसान हो।

Published On: June 18, 2025
Shobhit Kalra

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।

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Shobhit Kalra

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