एंटीवायरस क्या है और कैसे काम करता है? – Antivirus Kya Hai

Last Updated: November 19, 2025

आज-कल जब इंटरनेट का उपयोग इतने व्यापक रूप से हो गया है, हमारे कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल जैसे उपकरण लगातार जोखिम में रहते हैं। हम कोई वेबसाइट खोलते हैं, ई-मेल खोलते हैं, किसी एप्लिकेशन को डाउनलोड करते हैं, और कई बार हमें पता भी नहीं चलता कि कहीं हमारे उपकरण में कुछ हानिकारक (मैलवेयर / वायरस) घुस आया है। 

यहाँ पर आता है एंटीवायरस (Antivirus) सॉफ़्टवेयर का महत्व। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि एंटीवायरस क्या होता है, क्यों जरूरी है, कैसे काम करता है, इसके प्रकार क्या-क्या हैं, और आप कैसे इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

एंटीवायरस क्या है – Antivirus Kya Hota Hai

एंटीवायरस एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो आपके कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल को वायरस, मैलवेयर, स्पाइवेयर जैसे खतरों से बचाता है।

उदाहरण: मान लो आपका फोन एक घर है। दरवाजे-खिड़कियां खुली हैं (इंटरनेट)। चोर (वायरस) अंदर घुसना चाहता है।

एंटीवायरस चौकीदार है जो:

  • दरवाजे पर खड़ा रहता है
  • हर आने वाले को चेक करता है
  • चोर को पकड़कर बाहर फेंक देता है
  • अगर चोर छुप गया तो घर की तलाशी लेता है

वायरस क्या है?

वायरस एक छोटा सा कोड (प्रोग्राम) है जो बिना बताए आपके फोन/कंप्यूटर में घुसता है और नुकसान करता है।

उदाहरण:

  • फोटो डिलीट करना
  • पासवर्ड चुराना
  • फोन हैंग करना
  • बैंक अकाउंट खाली करना

एंटीवायरस का काम: वायरस को आने से पहले रोकना या आ गया तो मारना।

क्यों एंटीवायरस जरूरी है?

  • इंटरनेट-यूज़र की संख्या बढ़ने से आज बहुत-से खतरनाक सॉफ़्टवेयर बने हैं जो आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे डेटा चोरी, फाइलें लॉक करना (रैनसमवेयर), सिस्टम स्लो करना। एंटीवायरस इनसे बचाव में मदद करता है।
  • यदि आपका कंप्यूटर संक्रमित हो जाए तो व्यक्तिगत जानकारी, फोटो, पासवर्ड आदि जोखिम में आ सकते हैं। एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर इस तरह के खतरे को कम करने का एक अहम तरीका है।
  • आधुनिक उपकरणों में एंटीवायरस की भूमिका सिर्फ वायरस रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि नेटवर्क-प्रोटेक्शन, वेबसाइट ब्लॉकिंग, मेल अटैचमेंट स्कैनिंग जैसे काम भी करती है।

और जाने: साइबर सुरक्षा क्या है? प्रकार और बचाव के उपाय

एंटीवायरस कैसे काम करता है – Antivirus Kaise Kaam Karta Hai

अब समझते हैं कि एंटीवायरस अंदर से कैसे काम करता है। इसे 10 सरल स्टेप्स में बांटा है:

1. रियल-टाइम स्कैनिंग (हर पल नजर)

एंटीवायरस हमेशा ऑन रहता है। जैसे ही आप कोई फाइल डाउनलोड करते हो, ईमेल खोलते हो, या पेनड्राइव लगाते हो, वो तुरंत चेक करता है।

उदाहरण: आप WhatsApp से एक वीडियो डाउनलोड करते हो। एंटीवायरस 2 सेकंड में चेक करता है, ‘सुरक्षित है या नहीं?’

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2. सिग्नेचर बेस्ड डिटेक्शन (फोटो से पहचान)

हर वायरस की एक फोटो होती है (जिसे सिग्नेचर कहते हैं)। एंटीवायरस के पास लाखों वायरस की फोटो का डेटाबेस होता है। जैसे पुलिस के पास अपराधियों की फोटो होती है।

काम: नई फाइल को पुरानी फोटो से मिलाता है। मैच हुआ? → वायरस पकड़ा!

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3. ह्यूरिस्टिक एनालिसिस (शक की बुनियाद पर पकड़ना)

कभी-कभी नया वायरस आता है जिसकी फोटो डेटाबेस में नहीं होती।

तब एंटीवायरस व्यवहार देखता है:

  • क्या फाइल अपने आप कॉपी हो रही है?
  • क्या पासवर्ड मांग रही है?
  • क्या फोन गर्म हो रहा है? शक हुआ → ब्लॉक!

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4. क्लाउड स्कैनिंग (इंटरनेट से मदद)

आजकल एंटीवायरस इंटरनेट से जुड़ा रहता है। नया वायरस मिला तो तुरंत सर्वर को भेजता है। सर्वर लाखों यूजर्स से डेटा लेकर अपडेट भेजता है।

फायदा: 1 मिनट में नया वायरस पकड़ा!

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5. फुल सिस्टम स्कैन (पूरा घर साफ करना)

रात में सोते वक्त आप ‘Full Scan’ चला सकते हो। एंटीवायरस पूरा फोन/कंप्यूटर चेक करता है – हर फोल्डर, हर फाइल।

समय: 30 मिनट से 2 घंटे।

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6. क्वारंटाइन (जेल में डालना)

वायरस मिला? एंटीवायरस उसे क्वारंटाइन में डाल देता है।

यानी:

  • वायरस चल नहीं सकता
  • नुकसान नहीं कर सकता
  • आप बाद में डिलीट कर सकते हो

7. ऑटो अपडेट (नई ट्रेनिंग)

हर हफ्ते एंटीवायरस अपडेट होता है। नई वायरस की फोटो डाउनलोड करता है।

8. फायरवॉल (दरवाजे पर ताला)

कई एंटीवायरस में फायरवॉल होता है। ये इंटरनेट से आने वाले खतरों को बाहर ही रोकता है।

उदाहरण: कोई हैकर आपके फोन में घुसने की कोशिश करे → फायरवॉल ब्लॉक!

9. स्पाइवेयर प्रोटेक्शन (जासूस पकड़ना)

स्पाइवेयर चुपके से आपकी लोकेशन, पासवर्ड चुराता है। एंटीवायरस उसे पकड़कर मारता है।

10. सेफ ब्राउजिंग (इंटरनेट पर गाइड)

जब आप कोई वेबसाइट खोलते हो, एंटीवायरस चेक करता है:

  • क्या साइट फर्जी है?
  • क्या डाउनलोड खतरनाक है? अगर हां → ‘Warning! ये साइट खतरनाक है’

और जाने: नेटवर्क सिक्यूरिटी क्या है? प्रकार, महत्व और मजबूत बनाने के तरीके

एंटीवायरस के मुख्य प्रकार

एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर कई रूपों में मौजूद है, नीचे उन-में से कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

  • स्टैंडअलोन एंटीवायरस ऐप: यह सीधे आपके डिवाइस पर इंस्टॉल होता है और सभी स्कैनिंग-सुरक्षा करता है।
  • ओएस-इंटीग्रेटेड एंटीवायरस: कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे Windows, macOS) में पहले-से एंटीवायरस या बेसिक सुरक्षा फंक्शन शामिल होते हैं।
  • क्लाउड-आधारित एंटीवायरस: इसमें मुख्य स्कैनिंग क्लाउड में होती है, और आपके डिवाइस पर सिर्फ छोटा एजेंट रहता है। इसे हल्के संसाधन वाले डिवाइस के लिए बेहतर माना जाता है।

एंटीवायरस कैसे इंस्टॉल करें

  1. किसी भरोसेमंद वेबसाइट से एंटीवायरस डाउनलोड करें (जैसे Quick Heal, Kaspersky, Avast आदि)।
  2. ‘Setup’ फाइल पर डबल-क्लिक करें।
  3. ‘Agree & Install’ पर क्लिक करें।
  4. इंस्टॉल होने के बाद सॉफ़्टवेयर खोलें और ‘Update Now’ पर क्लिक करें।
  5. अब ‘Full Scan’ चलाएँ ताकि आपका पूरा सिस्टम सुरक्षित हो जाए।
  6. स्कैन पूरा होने पर रिपोर्ट देखें और संक्रमित फाइलें डिलीट करें।

एंटीवायरस का उपयोग कैसे करें?

यहाँ कुछ आसान कदम दिए जा रहे हैं जिन्हें आप फॉलो कर सकते हैं:

  1. भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर चुनें।
  2. इसे अपने डिवाइस (कंप्यूटर/लैपटॉप/मॉबाइल) पर इंस्टॉल करें।
  3. इंस्टॉल के बाद अपडेट करें ताकि इसकी वायरस डेटाबेस नया हो।
  4. नियमित रूप से फुल सिस्टम स्कैन चलाएं।
  5. यदि डाउनलोड-फाइल्स, ई-मेल अटैचमेंट इत्यादि अज्ञात स्रोत से हो, तो एंटीवायरस से स्कैन करें।
  6. बैकअप रखें, अपने महत्वपूर्ण फाइल्स की कॉपी अलग-से रखें।
  7. सिस्टम और सॉफ़्टवेयर को भी अपडेट रखें (एंटीवायरस अकेला सब कुछ नहीं रोक सकता)।
  8. यदि कोई वायरस पकड़ा गया है, तो क्वारंटीन या हटाने का ऑप्शन चुनें।

एंटीवायरस की सच्चाई – मिथ vs रियलिटी

मिथसच्चाई
‘मैं सिर्फ फेसबुक चलाता हूं, वायरस नहीं आएगा’फेसबुक लिंक से भी वायरस आता है
‘फ्री एंटीवायरस बेकार है’90% काम के लिए काफी है
‘एंटीवायरस लग गया, अब 100% सुरक्षित’नहीं, पासवर्ड मजबूत रखें
‘एंटीवायरस फोन स्लो करता है’पेड वाले लाइट होते हैं

एंटीवायरस के साथ 10 गोल्डन टिप्स

  1. हर हफ्ते अपडेट करें
  2. Full Scan हर महीने चलाएं
  3. अनजान लिंक न खोलें
  4. पेनड्राइव स्कैन करें
  5. पासवर्ड 12 अक्षर का रखें
  6. फर्जी ऐप न डाउनलोड करें
  7. WiFi हैकिंग से बचें
  8. बैंकिंग UPI ऐप ऑफिशियल डाउनलोड करें
  9. बच्चों का फोन मॉनिटर करें
  10. पुराना फोन फॉर्मेट करें बेचने से पहले

निष्कर्ष

आज-कल डिजिटल दुनिया में हम जितना ऑनलाइन सक्रिय हैं, हम उतने ही खतरों के सामने भी हैं। इसलिए अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल आदि उपकरणों की सुरक्षा करना बेहद जरूरी बन गया है। ऐसे में एक भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, साथ में अपडेट, सुरक्षित ब्राउज़िंग और सावधानीपूर्ण आदतें, आपको एक सुरक्षित डिजिटल अनुभव दे सकती हैं।

तो यदि आपने अभी तक एंटीवायरस नहीं लगाया है या अपडेट नहीं किया है, आज ही कर लें। नए खतरों से बेहतर बचाव आज के समय में बहुत मायने रखता है।

एंटीवायरस पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • एंटीवायरस और फ़ायरवॉल में क्या अंतर है?

    एंटीवायरस हानिकारक सॉफ़्टवेयर से सुरक्षा करता है, जबकि फ़ायरवॉल इंटरनेट के अंदर-बाहर जाने वाले डेटा की निगरानी करता है। दोनों मिलकर पूरी सुरक्षा प्रदान करते हैं।

  • क्या फ्री एंटीवायरस पर्याप्त होता है?

    फ्री एंटीवायरस बुनियादी सुरक्षा देता है, लेकिन अगर आपके सिस्टम में संवेदनशील डेटा है तो Paid Version लेना बेहतर होता है।

  • क्या एंटीवायरस मोबाइल के लिए भी जरूरी है?

    हाँ, मोबाइल में भी मैलवेयर, फिशिंग और ट्रोजन का खतरा होता है, इसलिए Android/iPhone दोनों में सुरक्षा ऐप उपयोगी है।

  • एंटीवायरस कितनी बार स्कैन करना चाहिए?

    हर सप्ताह 'Full System Scan' करें और रोजाना 'Quick Scan' चलाएँ।

  • क्या एंटीवायरस बिना इंटरनेट के काम करता है?

    हाँ, लेकिन सीमित रूप में। नए वायरस पहचानने के लिए इंटरनेट अपडेट आवश्यक है।

  • क्या एंटीवायरस सभी वायरस को हटा देता है?

    अधिकांश मामलों में हाँ, लेकिन कुछ उन्नत या नए वायरस के लिए अपडेटेड डेटाबेस जरूरी होता है।

  • अगर एंटीवायरस सिस्टम स्लो कर रहा है तो क्या करें?

    बैकग्राउंड में चलने वाले भारी स्कैन बंद करें, केवल Quick Scan चलाएँ या हल्के सॉफ़्टवेयर (जैसे Avast, Bitdefender) चुनें।

  • क्या Windows Defender पर्याप्त है?

    Windows 10/11 का Defender काफी मजबूत है, लेकिन अतिरिक्त एंटीवायरस लगाने से सुरक्षा और बेहतर होती है।

  • क्या एंटीवायरस इंस्टॉल करने के बाद सभी वायरस खत्म हो जाते हैं?

    पुराने वायरस तो हट जाते हैं, लेकिन भविष्य के नए खतरों से बचने के लिए नियमित अपडेट ज़रूरी है।

  • क्या एक ही डिवाइस पर दो एंटीवायरस लगाने चाहिए?

    नहीं, ऐसा करने से सिस्टम स्लो हो सकता है और दोनों सॉफ़्टवेयर में टकराव (Conflict) हो सकता है।

Published On: November 19, 2025
Shobhit Kalra

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।

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Shobhit Kalra

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