OCR क्या है? | काम करने का तरीका, विशेषताएं और उपयोग – OCR Kya Hai

Last Updated: May 19, 2025

आपने कभी सोचा है कि कैसे कोई सॉफ़्टवेयर किताब के पन्ने की फोटो खींचकर उसके लिखे हुए शब्दों को कंप्यूटर पर एडिट करने लायक बना देता है? या फिर बैंक चेक का स्कैन करते ही उस पर लिखी रकम अपने आप कंप्यूटर में कैसे दर्ज हो जाती है? यह सब संभव होता है एक खास तरह के सॉफ़्टवेयर की मदद से जो हमारे रोजमर्रा के कामों को आसान बनाता है। 

आज के डिजिटल युग में, जहाँ हर चीज को कंप्यूटर पर सेव करने की जरूरत होती है, OCR सॉफ़्टवेयर हाथ से लिखे नोट्स, प्रिंटेड डॉक्यूमेंट्स और यहाँ तक कि साइनबोर्ड्स पर लिखे टेक्स्ट को भी डिजिटल फॉर्म में बदल देता है।

इसकी मदद से घंटों के काम को मिनटों में किया जा सकता है, गलतियाँ कम होती हैं, और काम बहुत तेजी से होता है। यह तकनीक न सिर्फ ऑफिस के कामों में, बल्कि एजुकेशन, हेल्थकेयर और कई अन्य क्षेत्रों में क्रांति ला रही है। अब पुराने दस्तावेजों को डिजिटाइज करना, बिल भरना, या फॉर्म भरना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है!

OCR क्या है? OCR Kya Hota Hai

OCR का पूरा नाम है “Optical Character Recognition”। यह एक तकनीक है जो किसी भी छवि (image) या स्कैन किए हुए डॉक्युमेंट में लिखे हुए शब्दों को पढ़कर उन्हें कंप्यूटर में टेक्स्ट (लिखावट) में बदल देती है।

मान लीजिए आपके पास एक किताब का पेज है जिसे आपने स्कैन किया है। वह पेज एक फोटो की तरह होता है, जिसमें लिखा हुआ कंप्यूटर नहीं समझ पाता। लेकिन अगर आप उस पेज को OCR सॉफ्टवेयर से स्कैन करते हैं, तो वह उस फोटो में लिखे शब्दों को पहचान कर उन्हें कंप्यूटर में एडिट करने लायक टेक्स्ट बना देता है।

OCR का इस्तेमाल बहुत सी जगहों पर होता है, जैसे कि पुराने पेपर्स को डिजिटल बनाना, विज़िटिंग कार्ड से नंबर निकालना, बिल या रसीद को रिकॉर्ड में डालना आदि। इससे समय की बचत होती है और काम आसान हो जाता है। अब आपको बार-बार कुछ टाइप नहीं करना पड़ता। OCR टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे बहुत स्मार्ट होती जा रही है और कई भाषाओं में काम कर सकती है, जैसे हिंदी, अंग्रेज़ी और बहुत सारी अन्य भाषाएँ।

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OCR सॉफ़्टवेयर कैसे काम करता है?

OCR सॉफ्टवेयर किसी भी इमेज या स्कैन किए गए डॉक्यूमेंट से टेक्स्ट को पहचानकर उसे एडिट करने लायक डिजिटल टेक्स्ट में बदल देता है। यह पूरा प्रोसेस कुछ स्टेप्स में होता है:

  1. इमेज लेना: सबसे पहले सॉफ्टवेयर किसी डॉक्यूमेंट (जैसे किताब का पेज, हस्तलिखित नोट्स या चेक) की फोटो या स्कैन्ड इमेज लेता है।
  2. प्री-प्रोसेसिंग: इमेज को साफ करता है – नॉइज (दाग-धब्बे) हटाता है, कर्व्ड लाइन्स को सीधा करता है और टेक्स्ट को पढ़ने लायक बनाता है।
  3. टेक्स्ट पहचानना: अब सॉफ्टवेयर इमेज में मौजूद हर अक्षर (A-Z, a-z, 0-9) और सिंबल्स को अलग-अलग पहचानता है। यह AI और पैटर्न रिकॉग्निशन तकनीक की मदद से करता है।
  4. टेक्स्ट कन्वर्जन: पहचाने गए अक्षरों को डिजिटल टेक्स्ट (जैसे MS Word, Notepad में एडिट करने लायक) में बदल देता है।
  5. पोस्ट-प्रोसेसिंग: गलतियाँ ढूँढकर उन्हें सुधारता है (जैसे “O” और “0” में अंतर करना)।

उदाहरण: जब आप Google Lens से किसी बिल की फोटो लेते हैं, तो यह उस पर लिखी रकम, तारीख आदि को पकड़कर आपके फोन पर टेक्स्ट के रूप में दिखाता है।

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OCR सॉफ़्टवेयर की विशेषताएँ

  • टेक्स्ट पहचानने की क्षमता (Text Recognition Capability): OCR सॉफ़्टवेयर स्कैन की गई इमेज या PDF से टेक्स्ट को पहचान सकता है। जैसे कोई प्रिंटेड पेज हो, उसमें जो लिखा है, उसे पढ़कर डिजिटल टेक्स्ट में बदल देता है।
  • बहुभाषी सपोर्ट (Multilingual Support): अधिकतर OCR सॉफ़्टवेयर कई भाषाओं में टेक्स्ट पहचान सकते हैं। जैसे हिंदी, अंग्रेज़ी, तमिल, उर्दू, आदि। इससे अलग-अलग भाषाओं के दस्तावेज़ों को पढ़ना आसान हो जाता है।
  • हस्तलिखित अक्षरों की पहचान (Handwriting Recognition): कुछ एडवांस OCR टूल साफ-सुथरी हाथ की लिखावट को भी पहचान सकते हैं। हालांकि इसमें त्रुटियाँ थोड़ी ज़्यादा हो सकती हैं, लेकिन तकनीक लगातार बेहतर हो रही है।
  • फॉर्मेट और लेआउट को पहचानना (Layout Detection): OCR केवल टेक्स्ट नहीं, बल्कि पेज पर उसका स्थान, कॉलम, तालिका (table), इमेज आदि को भी पहचानता है और उसी फॉर्मेट में डिजिटली सेव करता है।
  • PDF और इमेज सपोर्ट (PDF & Image Support): OCR सॉफ़्टवेयर JPG, PNG, BMP जैसी इमेज फ़ाइलों और PDF दस्तावेज़ों पर काम करता है, जिससे आप किसी भी फॉर्मेट से टेक्स्ट निकाल सकते हैं।
  • खोज और कॉपी करने योग्य टेक्स्ट (Searchable & Editable Text): OCR टेक्स्ट को ऐसा बना देता है कि आप उसे सर्च कर सकते हैं, कॉपी कर सकते हैं और ज़रूरत के अनुसार एडिट भी कर सकते हैं।
  • बैच प्रोसेसिंग (Batch Processing): OCR टूल एक बार में कई फाइलें स्कैन कर सकता है, जिससे समय की बचत होती है। यह फीचर तब बहुत काम आता है जब दस्तावेज़ ज़्यादा हों।
  • क्लाउड आधारित सेवा (Cloud Integration): कई OCR सॉफ़्टवेयर इंटरनेट के ज़रिए क्लाउड में सेव होते हैं, जिससे कहीं से भी आप दस्तावेज़ अपलोड और एक्सेस कर सकते हैं।

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OCR टेक्नोलॉजी किन-किन फील्ड्स में उपयोगी है?

OCR (Optical Character Recognition) टेक्नोलॉजी आज के समय में कई क्षेत्रों (fields) में बहुत उपयोगी साबित हो रही है। यह टेक्नोलॉजी दस्तावेज़ों को डिजिटल फॉर्म में बदलने का आसान और तेज़ तरीका देती है। नीचे कुछ मुख्य क्षेत्रों में इसके उपयोग बताए गए हैं, सरल हिंदी में:

1. शिक्षा (Education)

  • स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पुराने पेपर, किताबें और दस्तावेज़ OCR से स्कैन करके डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाती है।
  • स्टूडेंट्स और टीचर्स पुराने नोट्स और रिसर्च पेपर को डिजिटल फॉर्म में स्टोर कर सकते हैं।

2. हेल्थकेयर (Healthcare)

  • डॉक्टरों की रिपोर्ट, पर्चियां, मेडिकल रिकॉर्ड आदि को OCR से डिजिटल किया जाता है ताकि उन्हें आसानी से सहेजा और खोजा जा सके।
  • पुराने पेपर रिकॉर्ड को कंप्यूटर में सेव करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।

3. सरकारी विभाग (Government Offices)

  • सरकारी कागज़ात, पहचान पत्र, आवेदन फॉर्म आदि को डिजिटल करने में OCR टेक्नोलॉजी मदद करती है।
  • इससे सरकारी कामकाज में स्पीड और पारदर्शिता बढ़ती है।

4. बैंकिंग और फाइनेंस (Banking & Finance)

  • चेक, पासबुक, और फॉर्म्स को OCR से स्कैन किया जाता है जिससे डेटा कंप्यूटर में तेजी से और सटीक दर्ज हो जाता है।
  • KYC डॉक्युमेंट्स को स्कैन करके डाटा एंट्री में समय बचता है।

5. कॉर्पोरेट और बिजनेस (Corporate & Business)

  • कंपनियाँ इनवॉइस, बिल, रिपोर्ट आदि को OCR से स्कैन करके फाइलिंग आसान बनाती हैं।
  • इससे डॉक्युमेंट्स को सर्च और शेयर करना सरल होता है।

6. मीडिया और पब्लिशिंग (Media & Publishing)

  • पुराने अखबार, किताबें और आर्टिकल्स को OCR से स्कैन करके ई-बुक्स या वेबसाइट्स पर पब्लिश किया जाता है।

7. लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन

  • डिलीवरी स्लिप, शिपिंग लेबल और ट्रैकिंग डिटेल्स को OCR से स्कैन करके तेज़ प्रोसेसिंग और रिकॉर्ड कीपिंग की जाती है।

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OCR सॉफ़्टवेयर की एक्यूरेसी को कौन-कौन से फैक्टर्स प्रभावित करते हैं?

OCR सॉफ़्टवेयर की एक्यूरेसी (सटीकता) को कई फैक्टर्स प्रभावित करते हैं, जिनकी वजह से सॉफ्टवेयर या तो सही रिज़ल्ट देता है या गलत। नीचे कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं जो OCR की परफॉर्मेंस को प्रभावित करते हैं:

1. इमेज की गुणवत्ता (Image Quality): अगर स्कैन की गई इमेज साफ़ और हाई रेजोल्यूशन में होती है, तो OCR सॉफ्टवेयर आसानी से अक्षरों को पहचान सकता है। धुंधली, फटी हुई या बहुत हल्की इमेज पर एक्यूरेसी कम हो जाती है।

2. फॉन्ट का प्रकार और साइज (Font Style & Size): साधारण और स्पष्ट फॉन्ट जैसे Arial या Times New Roman को OCR आसानी से पढ़ लेता है। बहुत स्टाइलिश या हाथ से लिखे हुए फॉन्ट OCR के लिए पहचानना मुश्किल हो जाता है।

3. टेक्स्ट की एलाइनमेंट (Text Alignment): अगर टेक्स्ट सीधा (aligned) है, तो सॉफ्टवेयर बेहतर रिज़ल्ट देता है। टेढ़े या घुमे हुए टेक्स्ट से एक्यूरेसी घट जाती है।

4. भाषा और शब्दकोश सपोर्ट (Language & Dictionary Support): OCR टूल जिस भाषा को सपोर्ट करता है, उसी भाषा के डॉक्युमेंट में ज्यादा सटीकता मिलती है। अगर भाषा सपोर्ट नहीं करती, तो गलत पहचान होने की संभावना बढ़ जाती है।

5. स्कैनिंग डिवाइस की क्वालिटी: कमज़ोर स्कैनर या कैमरा से ली गई इमेज में शोर (noise) ज्यादा होता है, जिससे एक्यूरेसी पर असर पड़ता है।

6. दस्तावेज़ का लेआउट (Layout Structure): अगर डॉक्युमेंट में टेक्स्ट के अलावा ग्राफिक्स, तालिका या कॉलम हो, तो OCR को उन्हें समझने में कठिनाई हो सकती है।

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OCR सॉफ़्टवेयर और साधारण स्कैनर में क्या अंतर है?

OCR सॉफ़्टवेयर और साधारण स्कैनर के बीच मुख्य अंतर उनके काम करने के तरीके और आउटपुट में होता है। नीचे इसे समझाया गया है:

साधारण स्कैनर क्या करता है?

  • यह किसी भी कागज़ या दस्तावेज़ को इमेज (छवि) के रूप में स्कैन करता है।
  • स्कैन किया गया डॉक्युमेंट पढ़ने लायक टेक्स्ट नहीं देता, सिर्फ एक फोटो जैसा होता है।
  • इसमें आप टेक्स्ट को कॉपी, एडिट या सर्च नहीं कर सकते।

उदाहरण: अगर आपने किताब का पेज स्कैन किया, तो आपको सिर्फ उस पेज की तस्वीर मिलेगी।

OCR सॉफ़्टवेयर क्या करता है?

  • OCR (Optical Character Recognition) सॉफ्टवेयर स्कैन की गई इमेज में मौजूद अक्षरों को पहचान कर उन्हें असली टेक्स्ट में बदलता है।
  • यह आपको टेक्स्ट को कॉपी, एडिट, सर्च या ट्रांसलेट करने की सुविधा देता है।
  • OCR सॉफ्टवेयर दस्तावेज़ को डिजिटल और उपयोगी बना देता है।

उदाहरण: वही किताब का पेज OCR से स्कैन करने पर, उसमें लिखा हुआ टेक्स्ट Word या PDF फॉर्म में बदल जाता है।

OCR सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते समय क्या कोई लिमिटेशन्स होती हैं?

  • हैंडराइटिंग की पहचान में मुश्किल: OCR सॉफ़्टवेयर आमतौर पर प्रिंटेड टेक्स्ट को अच्छे से पहचानता है, लेकिन हाथ से लिखे अक्षरों (हैंडराइटिंग) को समझना इसके लिए कठिन होता है। अगर किसी की राइटिंग साफ़ नहीं है, तो सॉफ़्टवेयर गलत पहचान कर सकता है।
  • खराब क्वालिटी वाले स्कैन: अगर डॉक्युमेंट धुंधला, फटा हुआ, या बहुत पुराना है, तो OCR सॉफ़्टवेयर को अक्षर पहचानने में दिक्कत होती है। इससे आउटपुट में ग़लतियाँ आ सकती हैं।
  • कॉम्प्लेक्स फॉर्मैट: जिन दस्तावेज़ों में टेबल, कॉलम, ग्राफिक्स या विशेष डिज़ाइन होते हैं, वहाँ OCR सॉफ़्टवेयर को सही ढंग से डेटा पहचानने में कठिनाई होती है।
  • भाषा की सीमाएँ: कुछ OCR सॉफ़्टवेयर केवल कुछ भाषाओं को ही पहचानते हैं। अगर डॉक्युमेंट किसी स्थानीय भाषा में है और वह भाषा OCR में सपोर्टेड नहीं है, तो सटीक आउटपुट नहीं मिलेगा।
  • सुरक्षा और गोपनीयता: OCR सॉफ़्टवेयर के ज़रिए स्कैन किए गए दस्तावेज़ों में गोपनीय जानकारी हो सकती है। अगर यह जानकारी सुरक्षित ना रखी जाए, तो डेटा लीक का खतरा हो सकता है।
  • संपादन की ज़रूरत: OCR आउटपुट हमेशा 100% सही नहीं होता। यूज़र को अक्सर मैनुअली सुधार करना पड़ता है, ताकि अंतिम दस्तावेज़ ठीक हो।

निष्कर्ष

OCR सॉफ़्टवेयर आज के डिजिटल ज़माने में बहुत ही उपयोगी टूल है। यह हमें कागज़ों पर लिखे हुए शब्दों को कंप्यूटर में टेक्स्ट के रूप में बदलने में मदद करता है। इससे हमारा समय बचता है और काम आसान हो जाता है। स्कूल, ऑफिस, बैंक, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर – हर जगह यह सॉफ्टवेयर काम आता है।

OCR से हम पुराने दस्तावेज़ों को सुरक्षित रख सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर आसानी से ढूंढ़ सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर बहुत तेज़ी से काम करता है और टाइपिंग की मेहनत भी कम हो जाती है। हालांकि कुछ सीमाएं भी होती हैं, जैसे – बहुत खराब लिखावट या धुंधले पन्नों को सही से पढ़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन फिर भी यह टेक्नोलॉजी दिन-ब-दिन और बेहतर होती जा रही है।

इसलिए, OCR सॉफ्टवेयर को अपनाना एक स्मार्ट और जरूरी कदम है, खासकर जब आप अपने काम को डिजिटल और आसान बनाना चाहते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • ओसीआर का फुल फॉर्म क्या है?

    OCR का फुल फॉर्म है Optical Character Recognition।

  • कंप्यूटर में ओसीआर क्या है?

    कंप्यूटर में OCR एक तकनीक है जो स्कैन किए गए टेक्स्ट को एडिटेबल और सर्चेबल फॉर्म में बदलती है।

  • ओसीआर क्या है और यह कैसे काम करता है?

    OCR इमेज या स्कैन डॉक्युमेंट में मौजूद अक्षरों को पहचानकर उन्हें डिजिटल टेक्स्ट में बदलता है।

  • ओसीआर बहुभाषी दस्तावेजों को कैसे संभालता है?

    OCR सॉफ्टवेयर में मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट होता है जिससे यह एक साथ कई भाषाओं के टेक्स्ट को पहचान सकता है।

Published On: April 24, 2025
Shobhit Kalra

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।

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Shobhit Kalra

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