हम आजकल लगभग हर काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे अपनों का हालचाल पूछना हो या ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो। लेकिन यह सुविधा एक कीमत के साथ आती है। हमारे स्मार्टफोन, चाहे जितने भी स्मार्ट हों, साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो हमारी निजी और व्यावसायिक जानकारी को खतरे में डाल सकते हैं। ऐसा ही एक खतरा है स्मिशिंग।
स्मिशिंग में साइबर अपराधी टेक्स्ट मैसेज का इस्तेमाल कर आपको धोखा देते हैं ताकि आप अपनी संवेदनशील जानकारी साझा कर दें या पैसे ट्रांसफर कर दें। ये हमलावर अस्थायी नंबरों से ऐसे संदेश भेजते हैं जिनमें कॉल-टू-एक्शन (CTA) दिए जाते हैं। इन पर क्लिक करने से हमलावरों को आपकी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक अकाउंट या कॉन्टैक्ट लिस्ट तक पहुंच मिल सकती है।
हालाँकि, स्मिशिंग हमलों से बचाव के कई तरीके हैं जैसे, संदेश भेजने वाले की पुष्टि करना, अपने खातों की नियमित जांच करना, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करना, या अपने डिवाइस पर मोबाइल सुरक्षा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि स्मिशिंग क्या है, यह कैसे काम करता है, और इससे बचने के कारगर उपाय क्या हैं।
स्मिशिंग शब्द “SMS” और “Phishing” शब्दों के मेल से बना है। यह एक प्रकार का साइबर हमला है जिसमें हमलावर टेक्स्ट मैसेज या मैसेजिंग ऐप्स की मदद से लोगों को संवेदनशील जानकारी साझा करने, मालवेयर डाउनलोड करने या पैसे ट्रांसफर करने के लिए उकसाते हैं।
ईमेल आधारित पारंपरिक फ़िशिंग की तुलना में स्मिशिंग टेक्स्ट मैसेज पर लोगों के विश्वास और जल्दबाज़ी का फायदा उठाता है। हमलावर अक्सर किसी ब्रांड या सरकारी संस्था के नाम से खुद को प्रस्तुत कर ऐसे संदेश भेजते हैं, जो असली लगें और पकड़ में न आएं।
आज के समय में जब स्मार्टफोन हर किसी के पास है, स्मिशिंग आम लोगों से लेकर व्यवसायों तक के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है।
और जाने: फिशिंग क्या है?
स्मिशिंग हमलों का सामान्य तरीका कुछ इस प्रकार होता है:
और जाने: साइबर सुरक्षा क्या है?
स्मिशिंग हमले कई तरह के होते हैं, जो अलग-अलग परिस्थितियों और भावनाओं का फायदा उठाते हैं। इनके सामान्य प्रकार इस प्रकार हैं:
बैंक, ईमेल सर्विस या अन्य संस्थाओं के नाम से फर्जी चेतावनी संदेश भेजे जाते हैं, जिनमें खाता सत्यापन के लिए लिंक दिया होता है। यह लिंक यूजर को फर्जी वेबसाइट पर ले जाता है, जहां उसकी डिटेल्स चोरी हो जाती हैं।
यूजर को इनाम या लॉटरी जीतने का झूठा दावा किया जाता है और बदले में निजी जानकारी या शुल्क मांगा जाता है। इसमें भी लिंक या फॉर्म के जरिए डाटा चुराया जाता है।
फर्जी टेक सपोर्ट टीम बनकर यूजर को वायरस या खाता समस्या के बारे में डराया जाता है और एक ऐप इंस्टॉल करने या नंबर पर कॉल करने को कहा जाता है, जिससे डिवाइस संक्रमित हो जाता है।
बैंक की तरफ से संदिग्ध लेनदेन की चेतावनी के नाम पर फर्जी मैसेज भेजे जाते हैं। यूजर को लिंक पर क्लिक कर या नंबर पर कॉल कर वेरिफिकेशन करने को कहा जाता है, जिससे उनकी जानकारी चुरा ली जाती है।
टैक्स सीजन में इनकम टैक्स विभाग के नाम पर रिफंड या पेनल्टी की धमकी देकर लोगों से डाटा और पैसे हड़प लिए जाते हैं।
सदस्यता रद्द करने या भुगतान समस्या के नाम पर लिंक भेजा जाता है, जहां यूजर का भुगतान विवरण चोरी कर लिया जाता है।
यूजर को किसी मजेदार या उपयोगी ऐप का झांसा देकर फर्जी लिंक भेजा जाता है, जिस पर क्लिक करने से डिवाइस में मालवेयर आ जाता है।
बड़ी कंपनियों के नाम से फ्री गिफ्ट या ऑफर का लालच देकर यूजर से निजी जानकारी ली जाती है।
फर्जी खरीदारी की पुष्टि या बिल भेजकर यूजर को डराया जाता है, जिससे वह फर्जी लिंक पर क्लिक कर अपनी जानकारी साझा कर देता है।
परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना या आपात स्थिति का झूठा संदेश भेजकर लोगों से महंगे नंबर पर कॉल कराने या जानकारी साझा करने को कहा जाता है।
पहलू | फ़िशिंग | विशिंग | स्मिशिंग |
---|---|---|---|
माध्यम | ईमेल, मैसेजिंग ऐप्स, फर्जी वेबसाइट्स | फोन कॉल या वॉइसमेल | SMS या मैसेजिंग ऐप्स |
अटैक का तरीका | फर्जी ईमेल्स और अटैचमेंट्स | लाइव या रिकॉर्डेड फर्जी कॉल्स | फर्जी टेक्स्ट्स और CTA लिंक्स |
लक्ष्य | ईमेल यूजर्स | कोई भी फोन नंबर वाला व्यक्ति | मोबाइल यूजर्स |
उदाहरण | अकाउंट लॉक का फर्जी ईमेल | बैंक वेरिफिकेशन के लिए कॉल | बैंक अलर्ट के नाम पर फर्जी टेक्स्ट |
1. अनजान संदेशों से सतर्क रहें: अंजान नंबरों से आए संदेशों पर विश्वास न करें, चाहे वे किसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम से ही क्यों न आए हों।
2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: SMS में आए लिंक को कभी न खोलें। यदि जरूरी लगे तो वेबसाइट का पता खुद टाइप कर जाकर चेक करें।
3. भेजने वाले की पुष्टि करें: बैंक, ऑफिस या सरकारी संस्थाओं से आए मैसेज की पुष्टि सीधे उनकी आधिकारिक वेबसाइट से करें, न कि मैसेज में दिए गए नंबरों से।
4. मोबाइल सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का उपयोग करें: एक अच्छा मोबाइल सिक्योरिटी ऐप इंस्टॉल करें जो स्मिशिंग और अन्य साइबर हमलों से सुरक्षा प्रदान करे।
5. एंडपॉइंट सिक्योरिटी का इस्तेमाल करें (व्यवसायों के लिए): सभी डिवाइसेज पर एंडपॉइंट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर लगाएं, ताकि संभावित हमलों को रोका जा सके।
6. मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट (MDM) का इस्तेमाल करें: व्यवसायों को अपने डिवाइसेज की सुरक्षा के लिए MDM सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए।
7. खुद को और दूसरों को जागरूक करें: स्मिशिंग के तरीके और उससे बचाव की जानकारी अपने आसपास के लोगों को भी दें।
8. रिपोर्ट और ब्लॉक करें: संदिग्ध संदेश मिलने पर उन्हें अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर और साइबर सेल को रिपोर्ट करें। ऐसे नंबरों को ब्लॉक कर दें।
9. डिवाइस और ऐप्स अपडेट रखें: अपने फोन और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें ताकि नई सुरक्षा सुविधाएं सक्रिय रहें।
10. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) इनेबल करें: अपने सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स में 2FA ऑन करें, जिससे सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जुड़ जाए।
11. सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय सतर्क रहें: अपनी निजी जानकारी सोशल मीडिया पर सीमित करें ताकि हमलावर उसका दुरुपयोग न कर सकें।
12. अपने अकाउंट्स की नियमित जांच करें: अपने बैंक और अन्य महत्वपूर्ण अकाउंट्स की समय-समय पर जांच करते रहें।
और जाने: नेटवर्क सिक्यूरिटी क्या है?
सॉफ़्टवेयर नाम | प्रमुख विशेषताएँ |
---|---|
Checkpoint Harmony Mobile | मोबाइल थ्रेट डिटेक्शन, URL प्रोटेक्शन, एंडपॉइंट सिक्योरिटी |
360 Total Security | वायरस/मालवेयर स्कैन, वेब प्रोटेक्शन, SMS/अटैचमेंट सुरक्षा |
K7 Mobile Security | एंटीवायरस, स्पैम SMS ब्लॉकिंग, ऐप प्रोटेक्शन |
Kaspersky Internet Security for Android | रियल-टाइम स्कैन, वेब प्रोटेक्शन, फिशिंग लिंक डिस्कवरी |
Malwarebytes | मैलवेयर डिटेक्शन, वेब प्रोटेक्शन, स्कैम अलर्ट |
सॉफ़्टवेयर नाम | मुख्य फीचर्स | उपयुक्त उपयोगकर्ता |
---|---|---|
Lookout Mobile Endpoint Security | Endpoint Threat Detection, Smishing URL Protection | व्यवसाय, एजेंसियाँ |
Zimperium zIPS | AI-based SMS Phishing Detection, Zero-Day Attack Prevention | एंटरप्राइज |
Microsoft Defender for Endpoint (Mobile) | Mobile Threat Defense, Microsoft 365 Integration | बड़ी कंपनियाँ |
टूल नाम | विशेषता | प्लेटफॉर्म |
---|---|---|
Truecaller | स्कैम मैसेज और कॉल पहचानता है | Android, iOS |
Hiya App | स्पैम कॉल और SMS ब्लॉकर | Android, iOS |
Google Messages | वेरिफाइड सेंडर और स्पैम अलर्ट | Android |
स्मिशिंग हमले में किसी भी व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक तरीके से ठगना बहुत आसान होता है जिसमें पीड़ित से उसकी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी प्राप्त करने के लिए उसके मन में कई तरह की भावनाएँ उतपन्न की जाती हैं जैसे:
1. डर का भाव पैदा करना: व्यक्ति से लोन न चुकाने का झूठा दावा करके कार्यवाई करने की धमकी देना जिससे उसके मन में डर की भावना पैदा हो और वे अपनी निजी जानकारी उनके साथ साझा कर दें।
2. लालच और प्रोत्साहन बढ़ाना: इसमें व्यक्ति को लॉटरी, इनाम या पुरस्कार का लालच देकर जाली लिंक पर क्लिक करने के लिए उसका प्रोत्साहन बढ़ाया जाता है ।
3. तुरंत एक्शन लेने पर मजबूर करना: इसमें पीडित को यह सुझाव दिया जाता है कि यदि तत्काल कार्यवाई नहीं की गई तो उनका अकांउट बंद कर दिया जाएगा। जिससे व्यक्ति को सोचने का मौका नहीं मिलता।
निष्कर्ष
स्मिशिंग एक तेजी से बढ़ता साइबर खतरा है, जो हमारे मोबाइल फोन पर भरोसे का फायदा उठाता है। केवल सतर्कता, सही जानकारी, और उचित साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाकर ही हम इससे बच सकते हैं। इसलिए जागरूक रहें, सतर्क रहें, और अपनी मोबाइल सुरक्षा पर नियंत्रण रखें।
फ़िशिंग का उद्देश्य होता है ऐसे ईमेल और वेबसाइट बनाना जिससे किसी व्यक्ति का डाटा चुराया जा सके । और स्मिशिंग का उद्देश्य होता है अग्यात नंबर से टेक्स्ट मैसेज करके व्यक्तिगत या वित्तीय डाटा साझा करना।
स्मिशिंग एक बड़ा खतरा इसलिए है क्यूँंकी इससे किसी भी व्यक्ति का डाटा बहुत ही आसानी से निकाला जा सकता है। इसमें हमलावर संस्थाओं के नाम से या सपोर्ट टीम बनकर ठगी करते हैं जिसे कई बार पीड़ित समझ नहीं पाते और अपना डाटा साझा कर देते हैं।
स्मिशिंग के खिलाफ खुद को सुरक्षित रखने के लिए आप सतर्क रहें ।यदी आपको किसी संदिग्ध नंबर से कोई संदेश आता है तो उसे ध्यान से पढ़ें और उसपर ध्यान न दें।
फ़िशिंग कई प्रकार की होती है जैसे ईमेल फ़िशिंग, स्पीयर फ़िशिंग, स्मिशिंग, विशिंग और व्हेलिंग आदि।
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