भारत में व्यवसाय करने के लिए GST (Goods and Services Tax) रिटर्न्स बहुत जरूरी हैं। इनमें से GSTR-1 सबसे महत्वपूर्ण फॉर्म है, जो हर रजिस्टर्ड टैक्सपेयर को भरना होता है। GSTR-1 में आपके द्वारा की गई सभी बिक्री (outward supplies) का विवरण होता है, जो मासिक या त्रैमासिक आधार पर जमा करना होता है।
इस ब्लॉग में हम GSTR-1 के बारे में सरल शब्दों में समझाएंगे, यह बताएंगे कि इसे कौन फाइल करता है और GST पोर्टल पर इसे कैसे आसानी से फाइल किया जा सकता है। चाहे आप नया व्यवसाय शुरू कर रहे हों या पुराने कारोबारी हों, यह गाइड आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।
GSTR-1 क्या है? | GSTR-1 Kya Hai
GSTR-1 एक ऐसा रिटर्न फॉर्म है, जिसमें किसी रजिस्टर्ड टैक्सपेयर द्वारा की गई सभी बिक्री (outward supplies) का ब्यौरा होता है। इसमें निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं:
- इनवॉइस-वाइज बिक्री: आपके द्वारा बेचे गए सामान या सेवाओं के इनवॉइस का विवरण।
- डेबिट-क्रेडिट नोट्स: अगर आपने कोई डेबिट या क्रेडिट नोट जारी किया है।
- निर्यात (Exports): विदेश में की गई बिक्री।
- एडवांस पेमेंट: ग्राहकों से मिले अग्रिम भुगतान।
यह फॉर्म GST पोर्टल पर ऑनलाइन भरा जाता है। जब आप GSTR-1 जमा करते हैं, तो यह जानकारी अपने आप आपके खरीदारों के GSTR-2A, GSTR-4A या GSTR-6A फॉर्म में दिखाई देती है। इससे आपके खरीदारों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने में मदद मिलती है।
GSTR-1 कौन फाइल करता है? | GSTR-1 Files Kon Karta Hai
हर रजिस्टर्ड टैक्सपेयर, जो बिक्री करता है, उसे GSTR-1 फाइल करना होता है। हालांकि, कुछ लोग इसकी जरूरत से छूटे हुए हैं:

- कंपोजीशन स्कीम वाले टैक्सपेयर: ये GSTR-4 फाइल करते हैं।
- इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स: ये GSTR-6 फाइल करते हैं।
- गैर-निवासी विदेशी टैक्सपेयर: ये GSTR-5 फाइल करते हैं।
- OIDAR सर्विस प्रोवाइडर्स: ये GSTR-5A फाइल करते हैं।
- TDS काटने वाले: ये GSTR-7 फाइल करते हैं।
- ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स: ये GSTR-8 फाइल करते हैं।
ध्यान दें: अगर किसी महीने या तिमाही में आपकी कोई बिक्री नहीं हुई, तब भी आपको “Nil Return” के रूप में GSTR-1 फाइल करना होगा।
GST पोर्टल पर GSTR-1 कैसे फाइल करें? | How to file GSTR-1 on the GST portal in Hindi
GST पोर्टल पर GSTR-1 फाइल करना बहुत आसान है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
स्टेप 1: GST पोर्टल पर लॉग इन करें
- आधिकारिक GST वेबसाइट (https://www.gst.gov.in) पर जाएं।
- अपने यूजरनेम और पासवर्ड से लॉग इन करें।
स्टेप 2: रिटर्न्स डैशबोर्ड खोलें
- डैशबोर्ड पर जाएं और Returns Dashboard पर क्लिक करें।
- सही फाइनेंशियल ईयर और रिटर्न फाइलिंग पीरियड (महीना या तिमाही) चुनें।
- Search पर क्लिक करें।
- GSTR-1 की रो में Prepare Online चुनें।
स्टेप 3: इनवॉइस और अन्य सप्लाई का विवरण भरें
GST पोर्टल पर GSTR-1 फाइल करते समय आपको कई टेबल्स (टाइल्स) दिखेंगी। प्रत्येक टाइल में आपको अपनी बिक्री का विवरण भरना होगा। यहाँ आसान गाइड है:
स्टेप 4: B2B इनवॉइस
- टेबल 4A, 4B, 6B, 6C: रजिस्टर्ड व्यक्तियों (UIN धारकों सहित) को की गई टैक्सेबल बिक्री का इनवॉइस-वाइज विवरण दें।
स्टेप 5: B2C (लार्ज) इनवॉइस
- टेबल 5A, 5 Penal Code: 5B: अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों को की गई इंटर-स्टेट बिक्री का विवरण, जिनका इनवॉइस मूल्य:
- अगस्त uml1.5 करोड़ रुपये से अधिक है।
स्टेप 6: डीएससी या ईवीसी के साथ फाइल करें
- सबमिट करने के बाद, File Return पर क्लिक करें।
- प्रमाणीकरण के लिए दो तरीके हैं:
- DSC (Digital Signature Certificate): कंपनियों/LLP के लिए अनिवार्य।
- EVC (Electronic Verification Code): अन्य टैक्सपेयर्स के लिए।
- EVC के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल/ईमेल पर आए OTP को दर्ज करें।
स्टेप 7: पावती (Acknowledgment)
- रिटर्न सफलतापूर्वक फाइल होने पर एक ARN (Acknowledgment Reference Number) मिलेगा।
- इसे डैशबोर्ड से डाउनलोड कर अपने रिकॉर्ड में रखें।
GSTR-1 कितनी बार और कब फाइल करना होता है?
GSTR-1 फाइल करने की आवृत्ति आपके कारोबार के टर्नओवर पर निर्भर करती है:

- मासिक: जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें हर महीने GSTR-1 फाइल करना होता है। ड्यू डेट अगले महीने की 11 तारीख होती है।
- त्रैमासिक: जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये या उससे कम है, वे हर तिमाही में GSTR-1 फाइल कर सकते हैं। ड्यू डेट तिमाही और सरकारी नोटिफिकेशन के आधार पर बदल सकती है।
GSTR-1 की फाइलिंग की अंतिम तिथि | Last date for filing of GSTR-1 in Hindi
टर्नओवर | फाइलिंग प्रकार | अंतिम तिथि |
---|---|---|
₹5 करोड़ से अधिक | मासिक | अगले महीने की 11 तारीख |
₹5 करोड़ से कम (QRMP Scheme) | त्रैमासिक | अगले महीने की 13 तारीख |
क्या GSTR-1 को संशोधित (Revise) किया जा सकता है?
नहीं, GSTR-1 को एक बार फाइल करने के बाद संशोधित नहीं किया जा सकता। अगर कोई गलती हो जाती है, तो आपको अगले टैक्स पीरियड में संशोधन (amendment) करना होगा।
GSTR-1 फाइल करने के तरीके | Ways to File GSTR-1 in Hindi
GSTR-1 फाइल करने के लिए तीन तरीके हैं:

- GST पोर्टल पर ऑनलाइन: आप सीधे GST पोर्टल पर लॉग इन करके फॉर्म भर सकते हैं।
- ऑफलाइन टूल: इनवॉइस डेटा अपलोड करने के लिए ऑफलाइन टूल का उपयोग करें।
- थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर: आप ClearTax, TallyPrime, Busy Accounting जैसे थर्ड-पार्टी GST सॉफ्टवेयर का उपयोग करके भी GSTR-1 आसानी से फाइल कर सकते हैं। ये ऑटोमेटेड डेटा इम्पोर्ट, इनवॉइस जनरेशन और रिटर्न भरने की सुविधा देते हैं।
GSTR-1 में क्या-क्या जानकारी देनी होती है?
GSTR-1 में कुल 13 टेबल्स होती हैं, जिनमें अलग-अलग तरह की जानकारी देनी होती है। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
- टेबल 1-3: बेसिक जानकारी
- इसमें GSTIN, व्यवसाय का नाम और पिछले साल का टर्नओवर शामिल होता है।
- टेबल 4: B2B सप्लाई
- रजिस्टर्ड व्यक्तियों को की गई बिक्री का इनवॉइस-वाइज विवरण।
- टेबल 5: B2C लार्ज
- अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों को की गई इंटर-स्टेट बिक्री, जिनका इनवॉइस मूल्य 1 लाख रुपये से ज्यादा है (अगस्त 2024 से लागू)। पहले यह सीमा 2.5 लाख रुपये थी (जुलाई 2024 तक)।
- टेबल 6: जीरो-रेटेड और डीम्ड एक्सपोर्ट्स
- निर्यात, SEZ को सप्लाई और डीम्ड एक्सपोर्ट्स का विवरण।
- टेबल 7: B2C स्मॉल
- अनरजिस्टर्ड व्यक्तियों को की गई बिक्री, जिनका इनवॉइस मूल्य 1 लाख रुपये तक है (अगस्त 2024 से लागू)।
- टेबल 8: निल/एग्जेम्प्ट/नॉन-GST सप्लाई
- जीरो-रेटेड, छूट प्राप्त या नॉन-GST सप्लाई का विवरण।
- टेबल 9 और 10: संशोधन
- पहले भरे गए रिटर्न्स में सुधार के लिए।
- टेबल 11: एडवांस
- अग्रिम भुगतान और उनके समायोजन का विवरण।
- टेबल 12: HSN/SAC कोड के आधार पर सारांश
- सामान या सेवाओं का HSN/SAC कोड के साथ सारांश।
- टेबल 13: दस्तावेजों का विवरण
- टैक्स पीरियड में जारी किए गए इनवॉइस, डेबिट/क्रेडिट नोट्स आदि का रिकॉर्ड।
निष्कर्ष
GSTR-1 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसे सभी GST रजिस्टर्ड व्यवसायों को समय पर और सही तरीके से फाइल करना चाहिए। यह न केवल GST नियमों का पालन करता है, बल्कि आपके खरीदारों को इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में भी मदद करता है। इससे आपके व्यवसाय की विश्वसनीयता बढ़ती है और जुर्माने से बचा जा सकता है।
ऊपर दी गई गाइड की मदद से आप आसानी से GST पोर्टल पर GSTR-1 फाइल कर सकते हैं। नियमित रूप से अपने इनवॉइस की जांच करें और समय पर रिटर्न फाइल करें, ताकि आखिरी समय की हड़बड़ी से बचा जा सके। सही और नियमित GSTR-1 फाइलिंग आपके व्यवसाय को टैक्स नियमों का पालन करने वाला और कुशल बनाएगी।
GSTR-1 पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या मैं बिना CA के GSTR-1 फाइल कर सकता हूँ?
हाँ, ऊपर दी गई गाइड का पालन करके कोई भी सामान्य व्यक्ति बिना CA की मदद के GSTR-1 फाइल कर सकता है।
कौन GSTR-1 फाइल नहीं कर सकता?
कंपोजीशन स्कीम वाले टैक्सपेयर्स, गैर-निवासी टैक्सपेयर्स और जो बिक्री नहीं करते, उन्हें GSTR-1 फाइल करने की जरूरत नहीं।
क्या GSTR-1 बिक्री के लिए है या खरीद के लिए?
GSTR-1 केवल बिक्री (outward supplies) की रिपोर्टिंग के लिए है, खरीद के लिए नहीं।
क्या मैं पिछले महीने का रिटर्न पेंडिंग होने पर मौजूदा महीने का GSTR-1 फाइल कर सकता हूँ?
नहीं, आपको पहले पिछले महीने का GSTR-1 फाइल करना होगा। साथ ही, उसी अवधि के लिए GSTR-3B भी तब तक फाइल नहीं किया जा सकता, जब तक GSTR-1 सबमिट न हो जाए।
GSTR-1 में गलत जानकारी भरने पर क्या होता है?
अगर आप गलत जानकारी भरते हैं, तो इसे अगले टैक्स पीरियड में संशोधन (amendment) टेबल्स (टेबल 9A, 9C, 10, 11) के जरिए ठीक किया जा सकता है। गलत जानकारी से आपके खरीदारों के इनपुट टैक्स क्रेडिट पर असर पड़ सकता है, इसलिए सावधानी बरतें।
क्या GSTR-1 फाइल करने की प्रक्रिया मोबाइल ऐप से की जा सकती है?
नहीं, वर्तमान में GST पोर्टल का मोबाइल ऐप GSTR-1 फाइल करने की सुविधा नहीं देता। आपको GST पोर्टल की वेबसाइट (https://www.gst.gov.in) का उपयोग करना होगा।
GSTR-1 में HSN कोड क्या है और इसे कहाँ से प्राप्त करें?
HSN (Harmonized System of Nomenclature) कोड आपके सामान या सेवाओं का वर्गीकरण कोड है। इसे GST पोर्टल पर उपलब्ध HSN कोड लिस्ट से या अपने सामान/सेवा के आधार पर चुन सकते हैं। टेबल 12 में इसका सारांश देना होता है।
क्या GSTR-1 फाइल करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर (DSC) अनिवार्य है?
DSC केवल कंपनियों और LLP के लिए अनिवार्य है। अन्य टैक्सपेयर्स EVC (Electronic Verification Code) का उपयोग करके OTP के जरिए रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
GSTR-1 में निल रिटर्न क्या है और इसे कब फाइल करना होता है?
अगर किसी टैक्स पीरियड में आपकी कोई बिक्री या सप्लाई नहीं हुई, तो आपको निल रिटर्न फाइल करना होता है। यह दर्शाता है कि उस अवधि में कोई लेनदेन नहीं हुआ।
क्या GSTR-1 फाइल करने में देरी होने पर जुर्माना लगता है?
हाँ, GSTR-1 फाइल करने में देरी होने पर प्रति दिन 50 रुपये का जुर्माना (CGST और SGST मिलाकर 100 रुपये) लग सकता है। निल रिटर्न के लिए यह 20 रुपये प्रति दिन (कुल 40 रुपये) है।
शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में,... और पढ़ें
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