ऑनलाइन जन्म कुंडली कैसे बनायें?

Last Updated: September 11, 2024

आजकल ऑनलाइन का समय आ गया है और हर चीज सोशल हो गई है। ऐसे में एस्ट्रो भी अछूता नही रहा है। अब कुंडली और अपने ग्रह नक्षत्रों के लिए ज्योतिष के चक्र लगाने की जरूरत नही पड़ती क्यूंकि आप अपने लिए ऑनलाइन कुंडली बना सकते है जो अपेक्षाकृत आसान है।

इसके लिए कई ऑनलाइन कुंडली सॉफ्टवेयर उपलब्ध है। अपनी ऑनलाइन जन्म कुंडली बनाने के लिए मांगी गई जानकारी जैसे आपकी जन्म तिथि, आपके जन्म का समय आदि की जरूरत होगी। सही तिथि और समय सटीक भविष्यवाणी की अनुमति देता है।

बाजार में कई ऐप्स उपलब्ध हैं जो 100% सही परिणाम देते हैं। इन्हे इंस्टॉल कर सही जानकारी ले सकते है। ये सॉफ्टवेयर पूरी तरह से मुफ़्त है और वैदिक ज्योतिष का उपयोग करता है। अंग्रेजी के अलावा, यह हिंदी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में जन्म कुंडली-आधारित भविष्यवाणियां और कुंडली मिलान रिपोर्ट प्रदान कर सकता है।

इससे पहले जानते है जन्म कुंडली की विस्तृत जानकारी:

जन्मकुंडली क्या है? Janam Kundali In Hindi

संसार के सारे कार्य ज्योतिष द्वारा ही चलते हैं। ज्योतिष व्यावहारिक ज्ञान कराता है और आकाश के कौन ग्रह-नक्षत्र कहां पर स्थित हैं, उनके बीच की गति क्या है, कितने समय में अपना परिभ्रमण करते हैं किस ग्रह के पास से कब गुजरेंगे, उन ग्रहों में कितनी ज्योति है, उस ज्योति-प्रकाश की गति क्या है और उस प्रकाश का कहां पर किस-किस पर क्या प्रभाव पड़ता है यह सब ज्योतिष के विषय के अन्तर्गत आता है।

पृथ्वी पर सभी औषधियां लता, पौधे चंद्रमा के अनुसार उत्पन्न होते हैं। समुद्र की ज्वार गति भी चन्द्रमा की गति के अनुसार होती है। हर जीव-चराचर पर किस ग्रह का कब, कितना प्रभाव आयेगा, उसके अनुसार उसका स्वास्थ्य निर्भर है।

कुंडली निर्माण के लिए भारतीय ज्योतिष के त्रिस्कन्धान्तर्गत होरा, गणित और संहिता का ज्ञान होना आवश्यक है। गणित और फलित ज्योतिष के दो क्रियात्मक सिद्धांत हैं। जन्म कुंडली के निर्माण के लिए जन्म समय, जन्म स्थान, जन्म दिन, जन्म संवत और उस स्थान के पंचाग का ज्ञान होना आवश्यक है। जन्म पत्री के निर्माण द्वारा व्यक्ति की उत्पत्ति के समय ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति पर से जीनव का सुख-दुख का फल निकाला जाता है।

जन्म कुंजली निर्माण के समय इष्टकाल, भयात-भभोग का साधन, लग्न निर्धारण, ग्रह स्पष्टता और जन्म पत्री लिखने की विधि का ज्ञान अति आवश्यक है। इस भाव स्पष्टता अति आवश्यक है क्योंकि भाव स्पष्ट करने के लिए भी सबसे पहले दशम भाव का साधन करना चाहिए। इसके लिए गणित का ज्ञान आवश्यक है।

ज्योतिष नियम-उपनियम, नत-काल की जानकारी ज्योतिषी को रखनी चाहिये। इसके अलावा द्वादश भावों के नाम, चलित चक्र का ज्ञान, राशि-स्वामित्व का बोध कुंडली फलादेश के लिए आवश्यक है।

नवांश कुंडली क्या है? Navmansh Kundali Kya Hoti Hai?

एक राशि के नौवें भाग को नवमांश कुंडली कहते हैं। 3 अंश 20 कला का एक नवमांश होता है। एक राशि में नौ राशियों के नवांश होते हैं। नवांश बोधक चक्र पंचांग में लिखे रहते हैं। ग्रह स्पष्ट तालिका का नवांश-बोधक-चक्र में मिलान करके नवांश कुंडली तैयार की जा सकता ही। चर राशि का प्रथम नवांश स्थित राशि का पांचवा नवांश, द्विस्वाभाव राश का अंतिम नवांश वर्गोत्तम कहलाता है।

लग्न कुंडली क्या है? Laagn Kundali Kya Hai?

जातक का जब जन्म हुआ, उस समय पूर्व दिशा में किस राशि का उदायमान था, जिस राशि का समय-काल था वही जन्म लग्न है। जन्म-कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण लग्न ही है। लग्न सही तो कुंडली का फल सही होगा। लग्न साधन के लिए अपने स्थान का उदायमान जानना जरूरी है।

लग्न शुद्धि के लिए शास्त्रानुसार नियम बताये गये हैं उनसे लग्न की बारीकी से जांत करके ही लग्न का निर्धारण कर कुंडली का निर्माण करना चाहिए ताकि फलादेश में शुद्धता रहे। जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं और इनमें से पहला भाव लग्न होता है। लग्न भाव जाक के स्वभाव, चरित्र, गुण, रूचि और विशेषता आदि को दर्शाता है। लग्न भाव के साथ ग्रहों के स्थिति का आकलन ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ऑनलाइन जन्मपत्री कैसे बनाएं ? Online Janampatri Maker in Hindi

प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुरूप सूचना प्रौद्योगिकी के विकास क्रम में आज के समय में व्यक्ति घर बैठे अपनी कुंडली आसानी से बना सकता है। वैदिक परम्परा के अनुसार गणितीय आकलन कर ग्रह-नक्षत्रों का फलादेश देने का कार्य अब इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध सॉफ्टवेयर कर दे रहे हैं।

जातक (वह व्यक्ति जिसका कुंडली निर्धारण हो रहा हो) ऑनलाइन मौजूद सुलभ प्राप्त सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप्स की सहायता से अपने भविष्य की जानकारी कुछ ही मिनटों में प्राप्त सकता है। इसके लिए उसे अपने जन्म तिथि, जन्म स्थान और जन्म समय की जानकारी दर्ज करनी होती है।

जन्म कुंडली की यह सेवाएं फ्री अथवा कुछ शुल्क के साथ उपलब्ध होती हैं। जिसमें ज्योतिषीय सलाह, परामर्श और पूजा-उपाय भी बताएं जाते हैं।

ऑनलाइन जन्म कुंडली सॉफ्टवेयर क्या है? Online Janam Kundli Software

सूचना क्रांति के युग में ज्योतिष पर लोगों का विश्वास और भी बढ़ रहा है जिसका उदाहरण ऑनलाइन ज्योतिष के मौजूद कुंडली के सॉफ्टवेयर या फिर मोबाइल एप्स के रूप में देख सकते हैं। ऑनलाइन कुंडली सॉफ्टवेयर, कम्प्यूटर के लिए एक डिजीटल गणितीय उपकरण होता है जो कि ज्योतिष विज्ञान में उपयोग होने वाली कुंडली को सरल और सुविधाजनक तरीके से जातक के लिए बेहद कम समय में विवरण को तैयार कर देता है।

सॉफ्टवेयर में जातक के द्वारा जन्म तिथि, समय और स्थान को दर्ज करना होता है, जिसके बाद कम्प्यूटर ज्योतिष आकलन कर ग्रह-नक्षत्रों के सटीक विश्लेषण के साथछ, दशा और योग, होरा कुंडली, द्रेष्काण कुंडली, सप्तांश कुंडली, दशमांश कुंडली, द्वादांश कुंडली, षोडशांश कुंडली, त्रिंशांश कुंडली के साथ दशा निर्धारण भी कर देता है।

ऑनलाइन जन्म कुंडली बनाने के फायदे

ऑनलाइन कुंडली के द्वारा जातक अपने भविष्य के बारे में विमर्श बेहद कम समय में प्राप्त कर सकता है। उचित परामर्श उसके जीवन के पहलुओं जैसे विवाह, कैरियर, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, पारिवारिक संबंध, नौकरी-बिजनेस आदि पर प्रभाव डाल सकते हैं। ऑनलाइन जन्म कुंडली के कुछ ख़ास फायदे इस प्रकार हैं:

  • सुविधा और पहुँच: ऑनलाइन जन्म कुंडली आसानी से इंटरनेट के माध्यम से कहीं भी और कभी भी प्राप्त की जा सकती है। इससे समय और स्थान की बाधाएं दूर होती हैं।
  • सटीकता: ऑनलाइन प्लेटफार्म पर जन्म कुंडली बनाने के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर और गणना तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे कुंडली की सटीकता बढ़ जाती है।
    समय की बचत: पारंपरिक तरीके से कुंडली बनाने में समय लगता है, जबकि ऑनलाइन कुंडली कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाती है।
  • विस्तृत विश्लेषण: ऑनलाइन कुंडली में विस्तृत और गहन विश्लेषण मिलता है। विभिन्न पहलुओं जैसे- दैनंदिन जीवन, करियर, विवाह, स्वास्थ्य आदि पर विस्तृत जानकारी मिलती है।
  • तुरंत समाधान: किसी भी समस्या या प्रश्न के लिए तुरंत ज्योतिषीय समाधान और सुझाव प्राप्त किए जा सकते हैं।
    किफायती: कई ऑनलाइन सेवाएँ मुफ्त या न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध होती हैं, जिससे यह अधिक किफायती हो जाती है।
    गोपनीयता: ऑनलाइन कुंडली सेवाएं आपकी निजी जानकारी को सुरक्षित और गोपनीय रखती हैं।
  • अधिक विकल्प: ऑनलाइन विभिन्न विशेषज्ञों और ज्योतिषियों के विकल्प होते हैं, जिनसे आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं।
  • संपर्क में आसानी: ज्योतिषियों से संपर्क करना और उनसे सलाह लेना ऑनलाइन माध्यम से बहुत ही सरल हो जाता है, जिसमें वीडियो कॉल, चैट आदि शामिल हैं।
  • भाषा की सुविधा: कई ऑनलाइन प्लेटफार्म विभिन्न भाषाओं में सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिससे उपयोगकर्ता अपनी मातृभाषा में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Suggested Read: एस्ट्रोसेज सॉफ्टवेयर समीक्षा – Astrosage Software Review In Hindi | Astrosage Software Review

जन्म तिथि और समय के अनुसार जन्म कुंडली विश्लेषण

फलकथन या फलादेश के लिए कुंडली की प्रक्रिया ज्योतिष का मूल है। कुंडली निर्माण के लिए भारतीय ज्योतिष के त्रिस्कन्थान्गर्गत होरा, गणित और संहिता का ज्ञान होना बेहद आवश्यक है। गणित और फलित ज्योतिष के दो क्रियात्मक सिद्धांत हैं।

जन्म कुंडली के निर्माण के समय जन्म तिथि और समय, जातक की उत्पत्ति के समय के ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति दर्शाता है जोकि जीवन के सुख-दुःख के फलादेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जातक की जन्मकुंडली बनाने के समय़ सबसे पहले जन्म तिथि और समय जितना सही, सूक्ष्म और सटीक होगा, कुंडली निर्धारण के समय फलादेश उतना ही सही होगा। ज्योतिष में जन्म-समय का देशान्तर आदि संस्कार करके भी कुंडली बनती है।

Published On: August 6, 2024
Shobhit Kalra

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।

Share
Published by
Shobhit Kalra

Recent Posts

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? फायदे, नुकसान – What is Cryptocurrency in Hindi?

क्रिप्टोकरेंसी एक नई तरह की डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जो इंटरनेट पर काम करती… Read More

July 11, 2025

GSTR-3B क्या है? GSTR-3B को कैसे फाइल करें GST Portal पर – GSTR-3B Kya Hai

GSTR-3B एक ऐसा फॉर्म है जिसे GST के तहत पंजीकृत हर व्यापारी को हर महीने… Read More

July 11, 2025

विशिंग क्या है? जानें खतरे और बचाव के उपाय – Vishing Kya Hai

आजकल के दौर में जहाँ हर कोई व्यक्ति नई तकनीक पर निर्भर होकर अपना काम… Read More

July 1, 2025

GSTR-1 क्या है? GSTR-1 रिटर्न कैसे फाइल करें

भारत में व्यवसाय करने के लिए GST (Goods and Services Tax) रिटर्न्स बहुत जरूरी हैं।… Read More

July 1, 2025

स्मिशिंग क्या है? प्रकार,और इससे बचने के तरीके – Smishing in Hindi

हम आजकल लगभग हर काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे अपनों… Read More

July 1, 2025

क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? फायदे, प्रकार – Cloud Computing in Hindi

आज के डिजिटल युग में तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। आपने "क्लाउड कंप्यूटिंग"… Read More

June 25, 2025