Tally में GST बिल कैसे बनाएं | Tally Me GST Bill Kaise Banaye

Last Updated: June 27, 2025

भारत में हर इनवॉइस को सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार GST-कंप्लायंट होना आवश्यक है, सिवाय उन व्यवसायों के जिनका वार्षिक कारोबार GST सीमा से कम है। इनवॉइस में प्रामाणिकता बनाए रखना और कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करना आपके व्यवसाय की पेशेवर छवि को मजबूत करता है। हालाँकि, किसी भी GST इनवॉइस में एक छोटी सी गलती भी देरी या जुर्माने का कारण बन सकती है।

यहीं पर TallyPrime जैसे एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर आपकी मदद कर सकते हैं। TallyPrime में GST बिल बनाना बेहद आसान है। इस ब्लॉग पोस्ट में हमने GST बिल पर विस्तार से चर्चा की है। चलिए शुरू करते हैं!

और जाने: टैली के बारे में

GST बिल के मुख्य घटक | GST Bill Components in Hindi

GST बिल का मुख्य उद्देश्य बिक्री या सेवा लेन-देन को दर्ज करना है। इसमें कई जरूरी घटक शामिल होते हैं, जैसे कि:

  1. इनवॉइस नंबर (16 अंकों तक) और जारी करने की तारीख
  2. ग्राहक का नाम और पता
  3. प्राप्तकर्ता का नाम, पता और GSTIN (यदि रजिस्टर्ड हो)
  4. HSN/SAC कोड
  5. सभी वस्तुओं या सेवाओं का विवरण, उनकी मात्रा और इकाई के साथ
  6. वस्तुओं या सेवाओं का कुल मूल्य
  7. छूट (यदि कोई हो)
  8. कर योग्य मूल्य (Taxable Value)
  9. CGST, SGST, IGST और UTGST की लागू दरें
  10. कुल कर राशि (Total Tax Amount)
  11. सप्लायर का स्थान और डिलीवरी का पता
  12. सप्लायर का हस्ताक्षर
  13. भुगतान शर्तें (यदि आवश्यक हो)
  14. अतिरिक्त नोट्स (यदि कोई हो)

TallyPrime

4.4

Starting Price

₹ 750.00 excl. GST

Tally में GST सेटअप करें | Tally Me GST Setting Kaise Kare

Tally में GST सेटअप करने का उद्देश्य बिजनेस के हर ट्रांजेक्शन में सही टैक्स लागू करना है। प्रक्रिया इस प्रकार है:

1. GST बेसिक सेटअप करें

  • Gateway of Tally > F11: Features > Statutory & Taxation > GST को Yes करें।
  • F12 दबाकर एडवांस्ड सेटिंग्स में जाएँ और Place of Supply, LUT/Bond आदि सेट करें।
  • मल्टीपल जीएसटी पंजीकरण के लिए विभिन्न जीएसटीआईएन जोड़ सकते हैं।

2. कंपनी बनाएं और GST विवरण दर्ज करें

  • Gateway of Tally > Create Company
  • कंपनी का नाम, पता, वित्तीय वर्ष आदि दर्ज करें।
  • Enable Goods and Services Tax (GST) को Yes करें और GSTIN व Registration Type भरें।

3. GST लेन-देन के लिए लेजर बनाएं

  • ग्राहक के लिए Sundry Debtors और आपूर्तिकर्ता के लिए Sundry Creditors के अंतर्गत पार्टी लेजर बनाएँ।
  • Alt+S दबाकर पार्टी के जीएसटी विवरण दर्ज करें।
  • CGST, SGST, IGST के लिए टैक्स लेजर बनाएं।

4. GST के साथ खरीदारी दर्ज करें

  • F9: Purchase Voucher खोलें।
  • Item Invoice या Accounting Invoice मोड चुनें।
  • पार्टी का लेजर और Place of Supply सही दर्ज करें।
  • वस्तुओं का विवरण, मात्रा, दर भरें।
  • TallyPrime स्वतः जीएसटी की गणना करेगा।
  • स्थानीय लेनदेन पर CGST व SGST, अंतरराज्यीय पर IGST लागू करें।

5. GST के साथ बिक्री दर्ज करें

  • F8: Sales Voucher खोलें।
  • Item Invoice या Accounting Invoice मोड चुनें।
  • ग्राहक का लेजर और Place of Supply दर्ज करें।
  • वस्तुओं का विवरण, मात्रा, दर भरें।
  • TallyPrime स्वचालित रूप से जीएसटी जोड़ेगा।

6. GST अनुरूप चालान जनरेट करें

  • Voucher सेव करने के बाद Alt+P दबाकर चालान पूर्वावलोकन करें।
  • सभी आवश्यक जानकारी जांचें – GSTIN, टैक्स दरें, राशि आदि।
  • TallyPrime में चालान विभिन्न भाषाओं में बना सकते हैं (जैसे हिंदी)।

7. GST रिपोर्ट्स और रिटर्न्स देखें

  • GSTR-1: आउटवर्ड सप्लाई के लिए
  • GSTR-3B: सारांश रिटर्न के लिए
  • GSTR-9: वार्षिक रिटर्न के लिए
  • टैक्स विश्लेषण रिपोर्ट और जीएसटी दर सेटअप भी करें।

कब और किन्हें जीएसटी बिल जारी करना चाहिए | GST Bill Kab Issue Karna Chahiye

  • वस्तुओं की आपूर्ति के लिए: चालान वस्तु के स्थानांतरण या आपूर्ति के समय जारी करना आवश्यक है।
  • सेवाओं के लिए: आपूर्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर चालान जारी करना होता है।
    (बीमा, बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों के लिए 45 दिन)।

किसे GST इनवॉइस से छूट है

  • Composition Scheme के तहत रजिस्टर्ड व्यापारी (₹1.5 करोड़ तक टर्नओवर वाले) को GST बिल के बजाय बिल ऑफ सप्लाई जारी करना होता है।
  • जो व्यवसाय GST छूट सीमा से नीचे हैं (सेवाओं के लिए ₹20 लाख, और कुछ राज्यों में वस्तुओं के लिए ₹40 लाख), उन्हें GST पंजीकरण और इनवॉइस की आवश्यकता नहीं होती।

TallyPrime में GST बिलिंग क्यों करें | TallyPrime me Bill Kaise Banaye

  • बिलिंग ऑटोमेशन: एक बार सेटअप करने के बाद, TallyPrime हर बिल में जीएसटीआईएन व अन्य जानकारी स्वतः जोड़ता है।
  • सटीकता: ऑटोमेशन त्रुटियों की संभावना को कम करता है, जिससे बिलिंग में शुद्धता बनी रहती है।
  • कस्टमाइजेशन: अपने व्यवसाय के अनुसार चालान में लोगो, फॉन्ट, रंग आदि जोड़ सकते हैं।
  • इंटीग्रेशन: TallyPrime सरकार के जीएसटी पोर्टल और थर्ड-पार्टी टूल्स से अच्छी तरह इंटीग्रेट होता है।
  • GST रिपोर्ट्स: GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-9 जैसी रिपोर्ट्स आसानी से जेनरेट कर सकते हैं।
  • डेटा सुरक्षा: आपकी वित्तीय जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

GST बिल बनाते समय गलतियाँ न करें | GST Invoice Banane me Common Mistakes

  • गलत जानकारी: GSTIN, HSN/SAC कोड और पता सटीक होना चाहिए
  • जरूरी विवरण छूटना: इनवॉइस नंबर, टैक्सेबल अमाउंट आदि जरूरी हैं
  • HSN/SAC कोड में गड़बड़ी: गलत कोड पर जुर्माना लग सकता है
  • देरी से बिल बनाना: समय पर बिल बनाएं
  • रिवर्स चार्ज नहीं दिखाना: जब लागू हो, स्पष्ट रूप से उल्लेख करें

निष्कर्ष

TallyPrime एक बेहतरीन बिलिंग सॉफ्टवेयर है, जो छोटे या बड़े हर व्यवसाय के लिए GST बिल बनाना आसान, तेज़, सुरक्षित और सटीक बनाता है। इसकी ऑटोमेशन क्षमताएं समय और मेहनत दोनों बचाती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • क्या Tally में GST बिल बनाना फ्री है?

    Tally Prime का लाइसेंस लेना पड़ता है, लेकिन GST बिल बनाने के लिए कोई अलग चार्ज नहीं लगता।

  • क्या Tally में ई-इनवॉइस भी बन सकता है?

    हां, Tally में ई-इनवॉइस जनरेशन की सुविधा भी मिलती है।

  • गलत GST इनवॉइस कैसे सुधारे?

    Alter ऑप्शन में जाकर आप पुराने इनवॉइस को एडिट कर सकते हैं।

  • टैली में जीएसटी बिल कैसे डालते हैं?

    टैली में जीएसटी बिल डालने के लिए Accounting Vouchers में जाकर Sales Voucher (F8) चुनें। फिर पार्टी का नाम, प्रॉडक्ट की डिटेल, रेट और टैक्स लेजर (CGST, SGST, IGST) जोड़ें। सभी जानकारी भरकर Ctrl+A दबाकर सेव करें।

  • टैली में जीएसटी एंट्री कैसे करें?

    टैली में जीएसटी एंट्री करने के लिए सबसे पहले पार्टी लेजर और टैक्स लेजर बनाएं। फिर Sales या Purchase Voucher में जाकर GST संबंधित एंट्री करें। प्रॉडक्ट की कीमत, मात्रा और टैक्स प्रतिशत जोड़कर बिल सेव करें।

  • टैली में जीएसटी टैक्स लेजर कैसे बनाएं?

    Gateway of Tally > Accounts Info > Ledgers > Create पर जाएं। CGST, SGST, या IGST के लिए अलग-अलग लेजर बनाएं। Tax Type में Duties & Taxes और GST चुनें। Tax रेट (जैसे 5%, 12%, 18%) डालें और सेव करें।

  • जीएसटी बिल कैसे बनाया जाता है?

    GST बिल बनाने के लिए ग्राहक की डिटेल्स, प्रॉडक्ट या सेवा की जानकारी और उस पर लागू टैक्स (CGST, SGST, IGST) को इनवॉइस में जोड़ा जाता है। फिर कुल राशि के साथ GST जोड़कर फाइनल बिल तैयार किया जाता है और ग्राहक को दिया जाता है।

Published On: May 13, 2025
Shobhit Kalra

शोभित कालरा के पास डिजिटल न्यूज़ मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग और हेल्थटेक सहित विभिन्न उद्योगों में 12 वर्षों का प्रभावशाली अनुभव है। लोगों के लिए लिखना और प्रभावशाली कंटेंट बनाने का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड रहा है जो पाठकों को पसंद आता है। टेकजॉकी के साथ उनकी यात्रा में, उन्हें सॉफ्टवेयर, SaaS उत्पादों और तकनीकी जगत से संबंधित सूचनात्मक कंटेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वह अटूट नेतृत्व गुणों से युक्त टीम निर्माण करने वाले व्यक्ति हैं।

Share
Published by
Shobhit Kalra

Recent Posts

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? फायदे, नुकसान – What is Cryptocurrency in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी एक नई तरह की डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जो इंटरनेट पर काम करती… Read More

July 11, 2025

GSTR-3B क्या है? GSTR-3B को कैसे फाइल करें GST Portal पर – GSTR-3B Kya Hai

GSTR-3B एक ऐसा फॉर्म है जिसे GST के तहत पंजीकृत हर व्यापारी को हर महीने… Read More

July 11, 2025

विशिंग क्या है? जानें खतरे और बचाव के उपाय – Vishing Kya Hai

आजकल के दौर में जहाँ हर कोई व्यक्ति नई तकनीक पर निर्भर होकर अपना काम… Read More

July 1, 2025

GSTR-1 क्या है? GSTR-1 रिटर्न कैसे फाइल करें

भारत में व्यवसाय करने के लिए GST (Goods and Services Tax) रिटर्न्स बहुत जरूरी हैं।… Read More

July 1, 2025

स्मिशिंग क्या है? प्रकार,और इससे बचने के तरीके – Smishing in Hindi

हम आजकल लगभग हर काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे अपनों… Read More

July 1, 2025

क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? फायदे, प्रकार – Cloud Computing in Hindi

आज के डिजिटल युग में तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। आपने "क्लाउड कंप्यूटिंग"… Read More

June 25, 2025